Updates : पाकिस्तान में शनिवार को दिन भर चले सियासी ड्रामे और नेशनल असेंबली की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद आधी रात के बाद विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में इमरान सरकार हार गई। 342 सदस्यीय सदन में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) ने मतदान में भाग नहीं लिया। संसद में हारने के साथ ही इमरान खान ने रात को ही सरकारी आवास खाली कर दिया और अपनी निजी आवास में रहने चले गए। वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। संयुक्त विपक्ष ने उन्हें पहले ही अपना नेता चुन लिया था। पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं।
क्या गिरफ्तार होंगे इमरान खान
पाकिस्तान में किसी भी नेता और अफसर के विदेश जाने पर रोक लगा दी गई है। इसको लेकर तमाम एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। पाकिस्तान में जब भी सत्ता परिवर्तन होता है, ऐसे हालात बनते हैं। आशंका रहती है कि भ्रष्टाचार करने वाले नेता और अफसर कार्रवाई के डर से देश छोड़कर भागने की कोशिश करेंगे। इमरान खान को लेकर कहा जा रहा है कि विदेश साजिश मामले में उनकी मुश्किल बढ़ सकती है। उनके खिलाफ गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करने का केस चल रहा है और दोषी साबित हुए तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
ऐसे पहले पीएम बने इमरान खान
पाकिस्तान के इतिहास में इमरान खान पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया गया है। यही नहीं, पाकिस्तान के किसी भी प्रधानमंत्री ने अभी तक अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। यह भी संयोग है कि पाकिस्तान के संविधान दिवस से एक दिन पहले इमरान सरकार को सत्ता गंवानी पड़ी। पाकिस्तान का संविधान 10 अप्रैल, 1973 को लागू हुआ था।
इस बीच, इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इमरान खान, महमूद कुरैशी और फवाद चौधरी के खिलाफ याचिका दायर की गई है। याचिका में इमरान के विदेश जाने पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
मतदान से पहले स्पीकर व डिप्टी स्पीकर का इस्तीफा
मतदान से पहले नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सदस्य अयाज सादिक को प्रभारी स्पीकर बनाया गया, जिन्होंने मतदान के लिए सदन की कार्यवाही संचालित की। मतदान की प्रक्रिया शुरू होते ही इमरान अपने पार्टी के सदस्यों के साथ सदन छोड़कर चले गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान ने प्रधानमंत्री आवास भी छोड़ दिया है। नेशनल असेंबली के बाहर बड़ी संख्या में इमरान समर्थक मौजूद थे। इमरान के बाहर निकलते ही समर्थकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
देर रात खोला गया सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले, तेजी से बदले घटनाक्रम में चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के आदेश पर देर रात सुप्रीम कोर्ट भी खोल दिया गया था। इस्लामाबाद हाई कोर्ट भी खोल दिया गया था। माना जा रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं हुआ तो सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा आदेश दे सकता है।
सदन की कार्यवाही के बीच की कैबिनेट बैठक
नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बीच इमरान खान ने रात नौ बजे कैबिनेट की बैठक की। उन्होंने दिन में नेशनल असेंबली स्पीकर असद कैसर से मुलाकात की थी। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी पीएम से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जबकि मीडिया में खबर आई थी कि इमरान खान ने जनरल बाजवा को बर्खास्त कर दिया है। हालांकि, वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत में इमरान ने इसे खारिज किया और कहा कि सेना के मामलों में इमरान ने कहा कि सेना के मामलों में वे दखल नहीं देते।
क्यों पैदा हुआ संवैधानिक संकट
संयुक्त विपक्ष ने इमरान खान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आठ मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने की जगह डिप्टी स्पीकर ने उसे देश के खिलाफ साजिश बताते हुए खारिज कर दिया था। उसके बाद प्रधानमंत्री इमरान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया और विपक्ष ने भी याचिका दायर की। गुरुवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने को कहा था।
स्पीकर ने मतदान कराने से किया इन्कार
शनिवार सुबह साढ़े दस बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सत्तारूढ़ दल की तरफ से मतदान टालने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए। सरकार के कई मंत्रियों ने इमरान खान को हटाने की विदेशी साजिश के मसले पर भाषणबाजी शुरू कर दी। विपक्ष ने स्पीकर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर जल्द से जल्द मतदान कराने को कहा तो उन्होंने इससे साफ इन्कार कर दिया। स्पीकर कैसर ने कहा था कि इमरान खान से उनके 30 साल पुराने संबंध हैं और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं करा सकते हैं।