मकड़ाई एक्सप्रेस 24 धर्म। पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा से होने वाला है. उस दिन पूर्णिमा का श्राद्ध होगा. पितृ पक्ष में पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं, जिससे नाराज पितर प्रसन्न हो जाएं और पितृ दोष से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाए. इस वजह से पितृ पक्ष पितरों की नाराजगी दूर करने का महापर्व है. पितृ पक्ष के 16 दिन पितरों को खुश करके उनका आशीर्वाद लेने के लिए हैं. आपके पितर किस तिथि को प्रसन्न होंगे, इसके लिए उनके देहांत की तिथि जाननी जरूरी है|
पितृ पक्ष 29 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है
पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है. इसके 16 दिन पितरों को समर्पित किए गए हैं. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है|धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितर धरती पर आते हैं और अपने वंश से तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध से तृप्त होने की उम्मीद रखते हैं. जो लोग पितृ पक्ष में अपने पितरों को तृप्त नहीं करते हैं, वे उनके श्राप और नाराजगी के भागी बनते हैं. वे दुखी होकर श्राप देते हैं, जिससे व्यक्ति पूरे जीवन परेशान रहता है. यहां तक कि संतान सुख से भी वंचित होना पड़ता है|
किस तिथि को आपके पितर होंगे खुश?
अब आप सोच रहे होंगे कि आपके पितर तिथि विशेष को ही क्यों खुश होंगे? इसका जवाब यह है कि जब व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उस दिन की तिथि महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि पितृ पक्ष में उस तिथि पर ही उस पितर के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है. पितृ पक्ष की निश्चित तिथि पर अपने पितरों के लिए भोजन, दान, पंचबलि कर्म, तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं. इससे वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं|