पुलिस गौतस्करों पर मेहरबान, अभी तक नहीं कर पाई कोई कार्रवाई, एएसपी मीडिया से बोले रोज-रोज कोई नई जानकारी नही है
हिंदू संगठन में नाराजगी छाई
वरिष्ठ पत्रकार के के यदुवंशी
सिवनी मालवा। गौतस्करी को लेकर हुए विवाद के बाद एक गौतस्कर की मौत के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठना शुरू हो गए है। शहर के नागरिक पुलिस पर सीधा आरोप लगा रहे है कि पुलिस पूरे मामले में गौतस्करी से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने से बच रही है या फिर उनके संरक्षकों को बचाने में जुट गई है। ऐसा तब हो रहा है जब पूरे मामले की मॉनीटरिंग पुलिस अधीक्षक गुरकरण सिंह कर रहे है, साथ ही स्वयं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिवनी मालवा में डेरा डाले हुए है। बावजूद इसके गौतस्करी से जुड़े लोगों पर पुलिस की मेहरबानी पूरे पुलिस महकमे की कार्यशैली को संदेह के घेरे में ला रही है।
सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल
इन सबके बीच एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक युवक गौतस्करी में जुड़े पुलिसकर्मी से पैसे लेने की बात कर रहा है। इस ऑडियों की प्रमाणिकता कितनी है यह तो समय ही बताएगा लेकिन वहीं शहर के नागरिकों का कहना है कि गौतस्करी के संरक्षकों को बचाने के प्रयास जो पुलिस द्वारा किए जा रहे है, इससे तो इस ऑडियो में जो बात कही जा रही है वह झूठी होना तो मुश्किल नजर आ रही है।
पुलिस की कार्यशैली पर विवाद उस समय और गहरा गया जब गुरूवार और शुक्रवार की दरमियानी रात पुलिस एक भाजपा नेता के यहां कथित तौर पर छापा डालने पहुंच गई। जिसमें सिवनी मालवा थाना प्रभारी जितेंद्र यादव सहित एक अन्य थाने के प्रभारी सहित दर्जन भर महिला पुरूष पुलिसकर्मी शामिल रहे थे। लेकिन पुलिस की कार्रवाई इतनी लचर थी कि वहां पुलिस का रौब हवा हो गया। कथित रूप से पुलिस की भाजपा नेता के प्रतिष्ठान पर हुई घुसपैठ पर जब राजनीति हावी हुई तो पुलिस सकते में आ गई। रात होते होते जब भाजपा नेताओं ने थाने का घेराव किया तो पुलिस की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई, और पुलिस अधिकारियों ने भाजपा नेताओं के हाथ पैर जोड़कर अपना पल्ला बचाया। सूत्रो के अनुसार कांग्रेस से जुड़े कुछ नेताओं से संबंध निभाते हुए पुलिस ने भाजपा नेता को निशाना बनाने के लिए यह षड़यंत्र रचा था लेकिन पुलिस का यह दाव उलटा पड़ गया।
इनका कहना है-
मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है, किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। इस मामले में सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। वायरल ऑडियों की जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
गुरकरण सिंह, पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम