मकड़ाई समाचार इंदौर। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद शासन ने महामारी की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों को भले ही शीथिल कर दिया है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी अब भी जरूरत है। यह सही है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार कम हो रहा है। टीकाकरण महाअभियान भी सतत चल रहा है। अकेले इंदौर में रोजाना औसतन 50 हजार से ज्यादा टीके लगाए जा रहे हैं। 24 घंटे के दौरान इक्का-दुक्का संक्रमित मिल रहे हैं बावजूद इसके सावधानी बरतना होगी। शारीरिक दूरी के नियम का पालन, मास्क पहनना और साबुन से बार-बार हाथ धोना अब भी जरूरी है।
एमजीएम मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डॉ. सलिल भार्गव के मुताबिक इस वक्त यह मान लेना कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया है गलत है। हमें पूरी सावधानी बरतना होगी। ठंडा का मौसम सभी वायरस के लिए अनुकूल माना जाता है। ऐसे में कोरोना को हल्के में लेना महंगा पड़ सकता है। जरूरी है कि हम भीड़ न लगाएं, शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें, मास्क पहनें और बार-बार साबुन से हाथ धोते रहे।
राहत की बात- लगातार हो रहा है टीकाकरण
राहत की बात यह भी है कि इंदौर में अब तक 52 लाख से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं। इनमें से करीब 22 लाख लोगों को टीके की दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। जिले के पांच लाख लोग अब भी ऐसे हैं जिन्होंने समय होने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लगवाई है। अब ऐसे लोगों को तलाश कर टीका लगाया जाएगा। इधर जिला प्रशासन ने टीके को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दी है। कई मॉल और बहुमंजिला इमारतों प्रवेश के लिए कोरोना की दोनों डोज की अनिवार्यता लागू कर दी गई है।