ब्रेकिंग
Budget 2025: क्या PM Kisan की राशि बढ़कर ₹10,000 होगी? किसानों को बजट से मिल सकती है बड़ी राहत! कलयुगी छोटे भाई ने बुजुर्ग बड़े भाई और बुजुर्ग बेबा बहन के साथ की धोखाधड़ी, बुजुर्ग भाई बहन जनसुनवाई... Ladki Bahin Yojana: December की किस्त कब आएगी? मुख्यमंत्री ने दी बड़ी खुशखबरी! जनकल्याण शिविरों का आयोजन जारी: "प्रशासन गांव की ओर" अभियान के तहत ग्रामीणों को उनके गांव में ही उपल... नर्मदा पेडल फेस्ट’’ के तहत रविवार को नागरिकों ने की साइकिलिंग सुश्री भारती किशोरी के मुखारबिंद से हो रही नानीबाई के मायरे की कथा वैश्य महासम्मेलन की टिमरनी तहसील इकाई की वार्षिक बैठक का हुआ आयोजन टिमरनी में कांग्रेसियों द्वारा अमित शाह की फोटो पर गेट वेल सुन मामू लिखकर गुलाब के फूल भेंट किए! हरदा: कुमुद ने जीता वर्ल्ड चेम्पियनशिप कराटे गोल्ड मेडल, हरदा जिले का नाम किया रोशन पुलिस लाइन हरदा में नशा एक अभियान जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन । नुक्कड़ नाटक के जरिये भी पुलिस बल...

Big News: फर्जी दस्तावेज बनाकर पड़ोसी की जमीन बेची, सीमांकन कराने पर हुआ पर्दाफाश

जमीन 25 साल पहले फर्जी कागज के आधार पर बेच दी गई इसकी जानकारी जमीन मालिक को भी नही लगी। अब मालिक ने सीमांकन कराया तो खुला फर्जी दस्तावेज का खेल मामला किया दर्ज –

- Install Android App -

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 बिलासपुर : सरकंडा, जयंत शिल्लेेदार तिलक नगर निवासी ने पुलिस को शिकायत करते हुए बताया कि उनके मित्र कुष्ण कुमार खंडेलवाल जो कि उत्तरप्रदेश के वाराणसी के लक्ष्मीकुड में रहते है। इन्होने क्षेत्र की खसरा नंबर 148 की 13 डिसमिल जमीन को 1989 में रामबाई माधवप्रसाद और रामलाल मिश्रा से खरीदी थी। खरीदी गई जमीन पर श्री खंडेलवाल का अधिपत्य रहा इसी जमीन के पास में राधेश्याम जासवाल ने 1962 में 11 डिसमिल जमीन खरीदी और फिर 1981 में मनीराम को बेच दिया। राधेश्याम की जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाते हुए 1998 राजेंद्र अग्रहरि को बेच दिया।
अपनी जमीन के फर्जी विक्रय की भनक कृष्णा खंडेलवाल को नहीं लगी।
अब जब अपनी जमीन का कृष्णा खंडेलवाल ने सीमांकन कराया तो पता चला कि जमीन पर तो कोई और का आधिपत्य है जमीन तो उन्होने बेची नही है। उन्होने जयंत शिल्लेदार को मुख्तियार नामा देकर जमीन का सीमांकन कराया तब मामले का खुलासा हुआ । कृष्णा के कहने पर पूरे मामले की शिकायत थानें में की गई। वही थाना प्रभारी ने जमीन का धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर राजस्व विभाग को पत्र लिख जमीन से संबधित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही है।