जमीन 25 साल पहले फर्जी कागज के आधार पर बेच दी गई इसकी जानकारी जमीन मालिक को भी नही लगी। अब मालिक ने सीमांकन कराया तो खुला फर्जी दस्तावेज का खेल मामला किया दर्ज –
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 बिलासपुर : सरकंडा, जयंत शिल्लेेदार तिलक नगर निवासी ने पुलिस को शिकायत करते हुए बताया कि उनके मित्र कुष्ण कुमार खंडेलवाल जो कि उत्तरप्रदेश के वाराणसी के लक्ष्मीकुड में रहते है। इन्होने क्षेत्र की खसरा नंबर 148 की 13 डिसमिल जमीन को 1989 में रामबाई माधवप्रसाद और रामलाल मिश्रा से खरीदी थी। खरीदी गई जमीन पर श्री खंडेलवाल का अधिपत्य रहा इसी जमीन के पास में राधेश्याम जासवाल ने 1962 में 11 डिसमिल जमीन खरीदी और फिर 1981 में मनीराम को बेच दिया। राधेश्याम की जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाते हुए 1998 राजेंद्र अग्रहरि को बेच दिया।
अपनी जमीन के फर्जी विक्रय की भनक कृष्णा खंडेलवाल को नहीं लगी।
अब जब अपनी जमीन का कृष्णा खंडेलवाल ने सीमांकन कराया तो पता चला कि जमीन पर तो कोई और का आधिपत्य है जमीन तो उन्होने बेची नही है। उन्होने जयंत शिल्लेदार को मुख्तियार नामा देकर जमीन का सीमांकन कराया तब मामले का खुलासा हुआ । कृष्णा के कहने पर पूरे मामले की शिकायत थानें में की गई। वही थाना प्रभारी ने जमीन का धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर राजस्व विभाग को पत्र लिख जमीन से संबधित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही है।