मकड़ाई समाचार हरदा। जी हां सीएमएचओ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके माया ऑप्टिशियन व सौजन्य साईं आई हॉस्पिटल को नोटिस देने के बाद हरदा सीएमएचओ सिंह कार्यालय में आरटीआई लगाकर यह पूछा जा रहा है कि आपने किस नियम के तहत नोटिस जारी किया है। अधिकारी पर मानहानि की करने की बात स्वयं अधिकारी ने स्वीकारी है। अब बिना परमिशन नेत्र शिविर लगाने वाले और स्वस्थ्य विभाग दोनों एक दूसरे को आंखें दिखाकर जवाब तलब कर रहे हैं। कुल मिलाकर हरदा से लेकर नर्मदापुरम तक स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यशैली से दो जिलों की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
तो क्या दबाव मे झूठ बोल रहे अधिकारी –
cmho हरदा द्वारा 15 अक्टूबर को सम्बंधित को नोटिस जारी कर तत्काल जवाब देने को कहा गया था। इस दौरान मीडिया द्वारा करीब एक माह से अधिक समय मे बीच मे बार-बार पूछे जाने पर cmho जवाब नहीं मिलने का जिक्र कहते रहे। सूत्रों के अनुसार माया ऑप्टिकल ने 18 अक्टूबर को अपना जवाब दे दिया था। यहां सोचनीय तथ्य है कि आखिर किसका क्या दबाव था कि इतने दिन अधिकारी मीडिया को जवाब न मिलने का कहकर टालते रहे। फिर अधिकारी का संबंधितों द्वारा मानहानि करने की बात कहना समझ से परे बात लगती है। अधिकारी को नोटिस का आखिर ऐसा क्या जवाब दिया गया की वे पत्र को डेढ़ माह तक सार्वजनिक करने से बचते रहे।
मालूम हो, माया ऑप्टिकल के बैनर में साईं हॉस्पिटल का सौजन्य लिखने वाले अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा चिकित्सक व ऑप्टिमीट्रिस्ट की अनुपस्थिति में वीडियो में खुलकर झाड़बीडा में आंखों की जांच उपचार करने व सलाह देने की बात कही गयी थी। बिना परमिशन के कैम्प लगाने वाले उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कहावत को ही चरितार्थ कर रहे हैं।
बात सिर्फ हरदा जिले के रहटगांव तहसील के झाड़बीडा की नहीं बल्कि नर्मदापुरम ज़िले के सिवनी मालवा अंतर्गत बिसौनी गांव में भी इन्हीं लोगों द्वारा सरपंच से मिली भगत कर कैम्प आयोजन किया गया। आखिर किस तरह बिना डॉक्टर और ऑप्टिमीट्रिस्ट के सरपंच मोहन परते ने अंजान ग्रामवासियों को किस लालच में अप्रिशिक्षितों के हवाले कर उनकी आँखों की जांच नम्बर के चश्मे दिलवाए गए। नर्मदापुरम cmho द्वारा मामले की जांच कर कार्रवाई की बात फिलहाल ठंडे बस्ते में है। इससे झोलाछाप और अप्रिशिक्षितों के हौसले बुलंद हैं।
मालूम हो, माया ऑप्टिशियन हरदा के बैनर पर श्री साईं आई हॉस्पिटल के सौजन्य से ग्राम झाड़बीडा में आटोमेटिक मशीन द्वारा आंखों की जांच की गई एवं उपचार किया गया। बैनर पर कंप्यूटर द्वारा आंखों की जांच की जाने का उल्लेख है। साथ ही मोतियाबिंद के ऑपरेशन करने का भी जिक्र है।
माया ऑप्टिशियन के स्टाफ कर्मियों ने अनजान ग्रामीण वृद्ध,पुरुष महिलाओं की जांच की व उपचार दिया। सोशल मीडिया में जारी कैम्प के वीडियो भी वायरल हुये हैं जिसमे माया चश्मा दुकान के कर्मचारी आंखों की जांच की मशीन से जांच करते स्पष्ट दिख रहे हैं। ज्ञात हो, कैम्प में कोई भी डॉक्टर हरदा से उपस्थित नहीं थे। सीएमएचओ के अनुसार उनके द्वारा ऐसे किसी कैम्प की अनुमति नहीं दी गयी है। मीडिया में प्रकाशित प्रसारित खबर पर संज्ञान लेकर उन्होंने संबंधितों को नोटिस जारी किया है।