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बिप्लब देब ने ‘मई दिवस’ को रेगुलर हॉलीडे की सूची से हटाया, विपक्ष का हंगामा

अगरतला: भाजपा नीत त्रिपुरा सरकार ने मई दिवस या अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को राज्य की ‘नियमित छुट्टियों’ की सूची से बाहर कर दिया है और इसे ‘ऐच्छिक अवकाश’ में डाल दिया है। सरकार के इस कदम की विपक्षी माकपा ने आलोचना की है। अवर सचिव एस के देववर्मा द्वारा शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को मई दिवस समेत 12 ‘ऐच्छिक अवकाशों’ की सूची से चार छुट्टियां लेने की अनुमति होगी। इस कदम का विरोध करते हुए माकपा ने मई दिवस को ‘नियमित अवकाश’ की सूची में शामिल करने की मांग की है।

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पार्टी ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि यह कदम ‘‘कामकाजी लोगों के हितों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित करेगा क्योंकि मई दिवस श्रमिक अधिकारों का प्रतीक है, जिसे संघर्ष के जरिये हासिल किया गया है।’’ त्रिपुरा के प्रथम मुख्यमंत्री नृपेन चक्रवर्ती ने 1978 में मई दिवस को ‘सरकारी छुट्टियों’ की सूची में शामिल किया था। इस फैसले को ‘श्रमिक वर्ग के खिलाफ’ बताते हुए राज्य के पूर्व श्रम मंत्री माणिक डे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य में भाजपा-आईएफपीटी सरकार के मन में श्रमिक वर्ग के प्रति कोई सम्मान नहीं है।

डे ने कहा, ‘‘भाजपा-आईपीएफटी सरकार का फैसला दर्शाता है कि वे कैसे कामगारों और मजदूरों को देखते हैं। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस श्रमिक वर्ग की मुक्ति के प्रतीक के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। मैंने भारत में किसी अन्य राज्य के बारे में नहीं सुना है जिसने राज्य की छुट्टियों से मई दिवस को हटा दिया है।’’