तीन दिन से चल रही जांच-जिसमें दिल्ली,मुुबई,भोपाल जयपुर सहित 9 शहरो में 20 आवासीय 12 व्यापारिक केंद्रो पर गुरुवार को छापा मारा
मकड़ाई समाचार भोपाल। भास्कर समूह की कंपनियो के 2200 करोड़ रुपये के फर्जी लेन देन पकड़े जा चुके हैं समूह की कंपनियों की शनिवार को तीसरे दिन भी जांच जारी रही।इस बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीडीबीटी ने कहा कि है कि समूह की कंपनियों के खाते आपसे में2200 करोड़ के लेन देन किए गए है। और ये ऐसी कंपनियां है जिनके कारोबार बिल्कुल अलग अलग तरह के है। जांच में पुष्टि हुई है कि ये फर्जी लेन देन है। जिनमें वास्तव में किसी तरह के सामान का आदान प्रदान नही हुआ हैं दूसरे कानूनो के उल्लंघन में कितनी राशि शामिल है यह अभी तय किया जा सकता है। आयकर विभाग ने बयान जारी कर बताया कि अब तक इस समूह की ओर से गेर कानूनी तरीको से की जा रही 700 करोड़ रुपये की आय चोरी के साक्ष्य मिले है।ये लेन देन पिछले 6 माह के है। विभाग यह रकम और बढ़ने की उम्मीद है।
समूह ने सेबी के नियमो का भी उल्लंघन किया
आयकर विभाग का कहना है कि समूह ने सेबी की और से जिस्टेट कंपनियों के लिए निर्धारित नियमो का भी उल्लंघन किया है।वेनामी लेन देन प्रतिबंध कानून के तहत भी जांच की जायेगी। समूह ने होल्डिंग और सब्सिडियरी कंपनी समेत कुल 100 से ज्यादा कंपनियों गठित की और बहुत सी कंपनियां तो अपने कर्मचारियों के नाम पर चलाई जा रही थी और जिनका काम सिर्फ फर्जी खर्च दिखाना और रकम को रुट करना होता था। छापो के दौरान कर्मचारियों ने बताया कि हमने समूह पर विष्वास कर अपने आधार कार्ड और सिग्नेचर दे दिए थें इन्होने इसका क्या उपयोग किया हमें नही मालूम। वही कुछ रिष्तेदारो से भी कांगजात पर साइ्रन लिए थे उन्हे पता ही नही था कि क्या कारोबार के लिए उन्होने डाक्यूमेंट लिए हैं।उन्हे डायरेक्टर या शेयर होल्डर बताया जाता था। इन कंपनियों का उपयोग लिस्टेड कंपनी के फर्जी खर्च दिखाकर मुनाफे को छुपाना होता था। धन को दूसरी कपनी में गैर कानूनी तरीके से भेजा जाता था।
कर्मचारियो के घरो से मिले 26 लाकर
समूह के मुख्य कर्मचारियो के घरो से भी 26 लाकर मिले है जिनकी जांच जारी हैं उनमें मिले डाक्यूंमेंट खंगाले जा रहे है। समूह का बिजली कपड़ा रियल स्टेट और मीडिया का कारोबार दिल्ली,मुुबई,भोपाल जयपुर सहित 9 षहरो में 20 आवासीय 12 व्यापारिक केंद्रो पर गुरुवार को छापा मारा था।