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भूपेश सरकार का अंत होते ही राज्य के अफसरों में मची अफरा-तफरी

बघेल के हर भ्रष्ट कारनामे की पटकथा लिखने वाले अफसरों पर कार्यवाही के एक्शन में सीएम विष्णुदेव साय

पॉवर में वापस आने के लिए भूपेश की चांडाल चौकड़ी कर रही है मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री एवं स्पीकर को साधने की कोशिश

क्या आरिफ शेख, आनंद छाबरा, दीपांशु काबरा समेत अन्य अधिकारी अब नापे जायेंगे? क्या ईमानदार अधिकारी होंगे वापस?

छत्तीसगढ़ में पांच साल की भ्रष्ट भूपेश बघेल की सरकार का आखिरकार खात्मा हो गया। प्रदेश की जनता ने अपने लोकांतित्रक शक्ति का उपयोग करते हुए बघेल और उनके करीबियों को सत्ता की कुर्सी से पटकनी देकर अपने मत का सटीक प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार शपथ ग्रहण समारोह के बाद से ही लगातार एक्शन में है। विष्णुदेव साय ने एक के बाद एक जनहित से जुड़े फैसले लेकर जनता के बीच अपनी एक विशेष पहचान बनाना आरंभ कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर राज्य में कुछ ऐसे अफसर भी हैं जिन्होंने अपना बोरिया बिस्तर समेटना आरंभ कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह वही अफसर हैं जिन्होंने भूपेश बघेल की भ्रष्ट सरकार में अनाप-शनाप भ्रष्टाचार किया और बघेल के लिये भ्रष्टाचार का एक ताना बाना गढ़ने का प्रयास किया है।

रावण राज का अंत करने में जनता ने निभाई मुख्य भूमिका

सूत्रों के अनुसार यह वही अफसर हैं जिन्होंने राज्य में संचालित जनकल्याण की योजनाओं में भ्रष्टाचार किया और जनता को उसके लाभ से वंचित कराने में मुख्य भूमिका निभाई है। खास बात यह है कि ऐसे अफसरों को तब भाजपा ने विपक्ष में बैठकर खूब नोटिस किया है और अब उन पर जबरदस्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इनमें कई ऐसे आईपीएस और आईएएस अफसर हैं जो खुद को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बड़ा समझने लगे थे और राज्य के कई क्षेत्रों और विभागों में इन्हीं का बोलबाला था। लेकिन जनता ने भूपेश बघेल की इस चौकड़ी का अंत कर रावण राज को समाप्त किया और अब राज्य में एक बार फिर खुशहाली की ओर बढ़ चला है।

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इन घोटालों के सरगना हैं अफसर
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार में जिन घोटालों को अंजाम दिया गया है उन घोटालों के सरगना कोई और नहीं बल्कि यही आईएएस और आईपीएस अफसर रहे हैं जिन्होंने बघेल और उनकी चंडाल चौकड़ी के मुंह में भ्रष्टाचार का निवाला दिया। कुछ चर्चित घोटालों में नान घोटाला, महादेव ऐप घोटाला, शराब घोटाला, कोयला घोटाला, पीएससी घोटाले आदि प्रमुख हैं। उदाहरण के तौर पर शराब घोटाले के प्रमुख आरोपी में से एक अरविंद सिंह है। अरविंद सिंह शराब घोटाले में भूपेश और उनकी चौकड़ी के प्रमुख किरदार थे। चौकड़ी के खास आईपीएस अफसर का भी यह शक्स काफी खास है और इनके भाई रविन्द्र सिंह को अब भाजपा के चुने हुए तमाम बड़े नेताओं के सजदे करते हुए देखा जा सकता है। मैं पांच साल पुरानी एक बात बताती हूं। बात पिछली कांग्रेस सरकार के गठन की है। भूपेश बघेल नान घोटाले पर सड़क से संसद तक हर लड़ाई लड़कर सरकार में आए और तब लगा कि नान घोटाले के आरोपी अब जेल जाएंगे और छत्तीसगढ़ की जनता को न्याय मिलेगा पर इसके उलट भूपेश सरकार आते ही उसी नान घोटाले के प्रमुख आरोपी अनिल टुटेजा के हाथ में सरकार की चाबी रख दी गई। उसके बाद अगले पांच साल क्या-क्या हुआ। उसका साक्षी पूरा छत्तीसगढ है।

क्या भ्रष्ट अफसरों को भाजपा से मिलेगी माफी?
राज्य में भाजपा सरकार के गठन के बाद इन अफसरों पर एक्शन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हर कोई इस बात पर ही चर्चा कर रहा है कि आईपीएस आरिफ शेख़, आनंद छाबरा सहित अनिल टुटेजा, जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा जैसे अफसरों पर कार्यवाही होगी या इन्हें अभयदान दिया जायेगा। गौरतलब है कि भूपेश बघेल की सरकार में इन अफसरों ने चौतरफा भ्रष्टाचार किया और राज्य को जबरदस्त ढंग से लूटा है। बघेल सरकार में कुछ खास काम तो इन्हीं अफसरों को दिये जाते थे। जैसे भाजपा नेता, पत्रकार के हर मूवमेंट की खबर रखना आदि। साथ-साथ क्या साजिश रची जा सकती है, उसका खाका खींचने में भी इनका ही हस्तक्षेप होता था। पत्रकारिता के माध्यम से मैंने उनके बारे में काफी उल्लेखित किया। फिर भाजपा ने भी इन दोनों अधिकारियों से तंग आकर मुख्य चुनाव आयुक्त से 120 पन्नों की आरिफ शेख़ की शिकायत की और आनंद छाबड़ा की 48 पन्नों की कंप्लेंट की थी। बड़ा सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार अब जीरो करप्शन टॉलरेंस जो प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है उस पर चलकर तंत्र का दुरुपयोग करने वाले ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी या फिर इन्हें अभयदान दिया जायेगा।

मंत्रीमंडल में इन चेहरों को मिल सकती है जगह
राज्य में मंत्रिमंडल के गठन की चर्चा है। निश्चित तौर पर इसमें छत्तीसगढ़ भाजपा के दिग्गज, अनुभवी और परिपक्व नेता जैसे बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, केदार कश्यप, रामविचार नेताम, ओपी चौधरी, रेणुका सिंह जैसे प्रदेश में भाजपा सरकार बनवाने में अहम रोल निभाने वाले यह नेता अवश्य होंगे।

लेखक विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन