मध्य प्रदेश की सरकार ने 2022-23 में लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है,प्रदेश के हरेक व्यक्ति पर 48000 से ज्यादा का कर्ज
वित्त मंत्री व वित्त विभाग के अफसरों की टीम ने यह भी कहा कि जितना कर्ज सरकार ले रही है, उसी तरह चुकाया भी जा रहा है।
मकड़ाई समाचार भोपाल। मप्र सरकार लगातार प्रतिवर्ष कर्ज की बढो़त्तरी करती जा रही है। जिससे प्रत्येक व्यक्ति पर भी इसका असर पडे़गा। सरकार का कहना है कि जिस तरह से कर्ज लिया जा रहा हैं उसी हिसाब चुकता भी किया जा रहा है। वर्ष 2022..23 में 25 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। प्रदेश की 8 करोड़ जनसंख्या के मान से प्रत्येक व्यक्ति करीब 48000रुपये का कर्जदार है।
मध्य प्रदेश की सरकार ने 2022-23 में लगभग 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है और बजट अनुमान के मुताबिक अगले साल तक प्रदेश परअगले साल। यानी प्रदेश के आठ करोड़ नागरिकों में हरेक व्यक्ति पर 48000 से ज्यादा का कर्ज हो जाएगा। 20 साल पहले प्रति व्यक्ति कर्ज 3300 था, 2023-24 के एक साल में ही वित्त विभाग का 7000 प्रति व्यक्ति कर्ज बढ़ने का अनुमान है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले पंद्रहवीं विधानसभा का बजट प्रस्तुत किया जिसमें यह तथ्य सामने आया है कि उसके द्वारा वर्ष 2022-23 में समय-समय पर कर्ज लिया है जो पूरे साल में करीब 25 हजार करोड़ रुपए है। यह तथ्य आज बजट पेश किए जाने के बाद वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा व वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी, वित्त सचिव अजीत कुमार, संचालक बजट आइरीन सिंथिया ने भी खुद बताया है। वित्तीय वर्ष खत्म होने तक प्रदेश पर कुल तीन लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा। हालांकि वित्त मंत्री व वित्त विभाग के अफसरों की टीम ने यह भी कहा कि जितना कर्ज सरकार ले रही है, उसी तरह चुकाया भी जा रहा है।
अगले साल तक 54 हजार करोड़ का कर्ज
बजट अनुमान के मुताबिक 2023-24 में सरकार जरूरत के मुताबिक कर्ज लेगी और इससे 31 मार्च 2024 तक सरकार पर तीन लाख 85973 करोड़ रुपए का कर्ज होने की संभावना है। इस तरह 31 मार्च 24 की स्थिति में मध्य प्रदेश का हरेक व्यक्ति 48246 रुपए के कर्ज में डूबा होगा। जबकि 2021-22 और 2022-23 में कर्ज की राशि में अंतर नहीं आया था। 2021-22 में जो कर्ज 3.31 लाख करोड़ रुपए था, वह 2022-23 में भी 3.31 लाख करोड़ ही रहा। मध्य प्रदेश के आठ करोड़ नागरिकों में हरेक व्यक्ति 41456 रुपए के कर्ज था।