ब्रेकिंग
गाजा मे  Parle G का बिस्किट बिका 2300 रूपये में, एक पिता ने बेटी की भूख मिटाने के लिए पारले जी 2300 ... हरदा: नदियों के उदगमों को संरक्षित करें, इनमें होती है भरपूर ऊर्जा: मंत्री प्रहलाद पटेल हरदा: खनिज के अवैध परिवहन में शामिल 3 डम्पर जप्त राणापुर जनपद पंचायत के नवीन सीईओ होंगे बलवान सिंह मवासे पंचायतों में जल संरक्षण एवं पौधारोपण के कार्य कराएं पंच सरपंच!  सरपंच पंचायत की आय बढ़ाएं और गांव म... Handia news : ईद उल अजहा : हर्षोल्लास के साथ मनाई गई बकरीद, गले मिलकर दी बधाई! जलोदा: म.प्र.जन अभियान परिषद टिमरनी द्वारा मनाया गया ग्राम जलोदा मे बाबडी उत्सव, राजा जालंधर के द्वा... हरदा: उन्नत नस्ल दुधारू गाय हेतु पुरस्कार योजना के तहत पुरस्कार वितरण आज Aaj ka rashifal: आज दिनांक 7 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हंडिया : खनिज के अवैध उत्खनन के मामले में 44.82 लाख रुपए का अर्थ दंड लगाने के आदेश जारी

महानदी में मिला 500 साल पुराना विशाल मंदिर

भुवनेश्वर। ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिरों के कारण अपनी अलग पहचान रखने वाले ओडिशा में महानदी के अंदर एक 500 साल पुराने प्राचीन मंदिर का पता चला है। इस मंदिर की खोज विशेषज्ञों की एक टीम ने उस वक्त की जब वह एक परियोजना का कार्य कर रहे थे। विशेषज्ञों की यह टीम नदी घाटी में विरासत स्थलों के प्रलेखन परियोजना का काम कर रही थी, तभी टीन के अधिकारियों को नदी में डूबे हुए मंदिर का पता चला। एतिहासिक मंदिर का पता चले ही इसको देखने के लिए महानदी के तट पर लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया।

ओडिशा में इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के परियोजना समन्वयक अनिल धीर के अनुसार करीब पांच सौ साल पुराना यह मंदिर 60 फीट में बना हुआ है। टीम जब परियोजना के हिस्से के रूप में एक अभ्यास कर रही थी उस वक्त इस मंदिर को खोजा गया। परियोजना समन्वयक धीर के अनुसार यह मंदिर कटक में पद्मावती क्षेत्र में बाएदेश्वर के पास नदी में पाया गया। उनके अनुसार इस मंदिर के 15वीं शताब्दी के अंत या 16वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाए जाने की संभावना है।

- Install Android App -

यह बात उन्होंने मंदिर की निर्माण शैली और उसके निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के अध्ययन के बाद कही। परियोजना समन्वयक धीर ने कहा कि वह एएसआई को खत लिखकर निवेदन करेंगे कि मंदिर को एक उपयुक्त जगह पर स्थानांतरित करने के लिए आवश्क कदम उठाए जाएं। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से इस संबंझ में आवश्यक कदम उठाने के लिए जल्द संपर्क करेगा।

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज ने अभी तक महानदी नदी में अपने प्रलेखन परियोजना के दौरान 65 प्राचीन मंदिरों पर काम किया है। धीर ने कहा कि हीराकुंड जलाशय के कई ध्वस्त मंदिरों को भी पुनर्निर्मित किया जा सकता है। आईएनटीएसीएच के परियोजना सहायक दीपक कुमार नायक के मुताबिक वह इसके अस्तित्व के बारे में जानते थे।