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महाविद्यालय में 17 लाख की चोरी की घटना को लेकर, प्रचार्य को कारण बताओ नोटिस हुआ जारी

मकड़ाई समाचार हरदा। स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा में दिनांक 17 एवं 18 फरवरी 2019 को महाविद्यालय में विद्यार्थियों से प्राप्त शुल्क की राशि रूपये 17,76,710 / – ( सत्रह लाख छियत्तर हजार सात सौ दस रूपये मात्र ) की चोरी की घटना घटित हुई। 2 उच्च शिक्षा विभाग में केशलेस लेन – देन किये जाने के स्पष्ट निर्देश हैं। परंतु महाविद्यालय में नगद शुल्क जमा कराया जा रहा था जो नियमानुसार नहीं है। यदि किन्हीं कारणों से नगद शुल्क जमा कराया जा रहा था तो नियमानुसार उसे उसी दिन बैंक में जमा कराया जाना चाहिए। परंतु जांच में पाया गया कि डी.एफ.सी. में दिनांक 12.02.2019 को रूपये 5,84,410 / – दिनांक 14.02.2019 को 6,87,745 / – दिनांक 15.02.2019 को रूपये 5,96,665 / – तथा दिनांक 16.02.2019 को रूपये 6,45,025 शुल्क प्राप्त होना दर्शाया गया है। परंतु तीन दिवसों की कुल राशि रूपये 19,29,435 / – ( उन्नीस लाख उन्तीस हजार चार सौ पैतीस रूपये ) यथा समय बैंक में जमा नहीं कराई गई तथा उक्त राशि महाविद्यालय में स्थित दो अलमारियों में रख दी गई। उन्हीं में से 01 अलमारी में से रूपये 17.76,710 / – चोरी हो गये। इस प्रकार आपके द्वारा यथा समय बैंक में राशि जमा नहीं करवाये जाने की लापरवाही के कारण उक्त घटना घटित हुई।

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उक्त डी.एफ.सी. में जमा कुल राशि रूपये 17,76,710 / – में से आपके द्वारा राशि रूपये 12,17,105 / – की चोरी की ही एफआईआर दर्ज कराई गई है। महाविद्यालय के अतिथि भृत्य लोकेश गौर से राशि रूपये 12,17,105 / – प्राप्त की गई है।इस प्रकार अंतर की कुल राशि रूपये 5,59,605 / – ( रूपये पाँच लाख उन्सठ हजार छ : सौ पांच मात्र ) गबन की श्रेणी में आती है। विद्यार्थियों से प्राप्त शुल्क की राशि की प्रविष्टि प्रतिदिन डीएफसी में लिखते हुए कैशबुक में दर्ज की जानी चाहिए थी। महाविद्यालय में चोरी राशि रूपये 17,76,710 / – की हुई। पुलिस द्वारा राशि रूपये 12,17,105 / – बरामद किये गये। जबकि कैशबुक में राशि रूपये 12,66,605 / – की प्रविष्टि की गई। कैशबुक में दर्ज राशि और डीएफसी में प्राप्त राशि का मिलान नहीं हो रहा है। महाविद्यालय का प्रभार आपके दायित्व में होने के कारण कैशबुक आदि संधारण सही ढंग से हो रहा है। अथवा नहीं का परीक्षण करने का दायित्व आपका था। आपका उक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। अत : कारण बतायें कि क्यों न मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण , नियंत्रण तथा अपील) नियम , 1966 के नियम 10 (तीन) के अंतर्गत महाविद्यालय में प्राप्त डीएफसी में प्राप्त राशि में से अंतर की राशि रूपये 5,59,710 / – की वसूली आपके वेतन से करते हुए इसी नियम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण , नियंत्रण तथा अपील) नियम , 1966 के नियम 10 के अंतर्गत आपके शासन द्वारा आपको सौपे गये दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से न करने के कारण आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जावे। उपरोक्तानुसार इस संबंध में आप अपना लिखित स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष 15 दिन के अंदर अनिवार्य रूप में उचित माध्यम से करें। यदि निर्धारित समयावधि में आपसे कोई लिखित कथन प्राप्त नहीं होता है तो यह माना जावेगा कि आप अधिरोपित आरोप में सहमत हैं तथा आपके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जायेगी। कृपया इस पत्र की पावती दें।