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यूक्रेन से सकुशल लौटे भारत मां के लाल, प्रधानमंत्री का माना आभार, युद्ध के बीच कैसे कटे दिन सुनाई दास्तान

नर्मदापुरम/ समूचे यूक्रेन मे हर पल हो रहे बम धमाको के बीच जिंदगी बमुश्किल सांसे ले पा रही हैं। ऐसी विकट परिस्थिति से निकलकर वतन वापस लोटे नर्मदापुरम के छात्र जैसे ही अपने परिजनों से मिले तो बेहद भावुक हो गये, उनके चेहरे पर पढाई अधूरी छोडकर अचानक लौट आने का गम भी था, तो वहीं जिंदगी बचाकर अफनो के बीच आने की खुशी भी थी। राहुल राय ने भावी जिंदगी के लिए अनगिनत सपने देखे थे।तो उनके परिवार जन भी बेटे के डाँक्टर बनकर लौटने की प्रत्याशा मे खुशी से फूले नही समा रहे थे।कि अचानक 10 दिन के अंदर ही सब कुछ बदल गया।

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रुस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया ओर अब वहां जिंदगी बचाने के लाले पडे हुए है।आलम यह है कि पडोसी देश कि बाँडर पर पहुँचना ओर फिर वहां से गंगे भारत मिशन के तहत भारतीय विमानों मे सवार होकर स्वदेश वापस लौटने तक का सफर किसी जंग से कम नही है। लेकिन देश प्रदेश ओर जिले के जाबांज युवाओं ने अपने हौसले से परिस्थितियों को मात देते हुए भीषण बमबारी के बीच गंगे भारत मिशन के तहत सकुशल वतन वापस आ गये। नर्मदापुरम मे परिजनों से मिलने के दौरान भावुक हुए मेडिकल छात्र राहुल ने बताया कि वहां हालत बेहद खराब है, लेकिन भारत सरकार के प्रयास से स्वदेश लोटकर उन्हें नया जीवन मिला है, इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभारी है। यूक्रेन ओर रुस के बीच चल रहे युध्द के बीच यूक्रेन मे पढाई कर रहे हजारों छात्र अपने देश वापस पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहे है। राहुल राय ने बताया 24 फरवरी को अचानक रुस के हमला कर दिया जिससे सबसे ज्यादा भय बाहर के पढने वाले विधार्थियों को था।

हमले तेज होते ही सभी विधार्थी अपने अपने घर जाने के लिए परेशान होने लगे, इसी बीच सभी एयरपोर्ट बंद कर दिये गये। उन्होंने बताया मेरे 10 दोस्तो ने 13 किमी पैदल चलकर बुघजाल पहुंचे जहां से ट्रेन पकडऩे की कोशिश की, लेकिन ट्रेनो मे यूक्रेन के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही थी, बडी जद्दोजहद के बाद टेक्सी लेकर 90 किमी का सफर तय कर पौलेंड बार्डर पहुंचे इसके बाद हमारी जाचं की गई ओर रहने खाने की व्यवस्था की गई ओर बसों के माध्यम से एयरपोर्ट पहुंचाया गया। जहां से हमें सकुशल दिल्ली पहुंचाया गया।राहुल ने बताया कि मेरे ओर हमारे दोस्तों का एक रुपये भी कही नही लगा ओर हमें सुरक्षित रुप से हमारे घर पहुंचाया गया। राहुल ओर उनके दोस्तों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा विधार्थियों को निकालने के जो प्रयास किये जा रहे है वह सराहनीय है।