ब्रेकिंग
गाजा मे  Parle G का बिस्किट बिका 2300 रूपये में, एक पिता ने बेटी की भूख मिटाने के लिए पारले जी 2300 ... हरदा: नदियों के उदगमों को संरक्षित करें, इनमें होती है भरपूर ऊर्जा: मंत्री प्रहलाद पटेल हरदा: खनिज के अवैध परिवहन में शामिल 3 डम्पर जप्त राणापुर जनपद पंचायत के नवीन सीईओ होंगे बलवान सिंह मवासे पंचायतों में जल संरक्षण एवं पौधारोपण के कार्य कराएं पंच सरपंच!  सरपंच पंचायत की आय बढ़ाएं और गांव म... Handia news : ईद उल अजहा : हर्षोल्लास के साथ मनाई गई बकरीद, गले मिलकर दी बधाई! जलोदा: म.प्र.जन अभियान परिषद टिमरनी द्वारा मनाया गया ग्राम जलोदा मे बाबडी उत्सव, राजा जालंधर के द्वा... हरदा: उन्नत नस्ल दुधारू गाय हेतु पुरस्कार योजना के तहत पुरस्कार वितरण आज Aaj ka rashifal: आज दिनांक 7 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हंडिया : खनिज के अवैध उत्खनन के मामले में 44.82 लाख रुपए का अर्थ दंड लगाने के आदेश जारी

रोहिंग्या घुसपैठियों को लोकर UNHRC ने भारत को लगाई फटकार

जिनेवाः भारत में अवैध रूप से घुसे 7  रोहिंग्या घुसपैठियों को वापस म्यांमार भेजने पर  संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था UNHRC ने भारत को फटकार लगाई है। शरणार्थियों की पैरोकार इस संस्था ने डर जताया है कि म्यांमार में इन रोहिंग्या मुसलमानों को सजा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उस देश की सेना पर पहले से ही मुस्लिम अल्पसंख्यकों के नरसंहार का आरोप है।UNHRC का आरोप है कि भारत ने पहले से चेताए जाने के बावजूद यह कदम उठाया है।

- Install Android App -

UNHRC के प्रवक्ता एंद्रेज माहेसिक ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा कि भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने के आरोप में 2012 में जेल भेजे गए इन सातों रोहिंग्या मुसलमानों के प्रत्यर्पण से पहले संयुक्त राष्ट्र ने इन सातों के म्यामांर पहुंचने पर इनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। UNHRC ने इस बात पर भी चिंता जताई कि उनकी अपील को भारतीय प्रशासन ने नजरंदाज कर दिया। साथ ही भारत पर यह आरोप भी लगाया कि उन्हें कानूनी प्रावधानों के तहत सरकारी वकील भी मुहैया नहीं कराया गया।

उन्होंने कहा कि UNHRC प्रशासन से म्यांमार में सातों मुसलमानों की वापसी पर उनके साथ गलत होने की आशंका पर भी सफाई मांगती रही।  उन्होंने कहा कि यूएन संस्था का मानना है कि सातों रोहिंग्या को न तो वकील दिया गया। उन्हें जेल भेजने संबंधी प्रक्रिया का हिस्सा भी नहीं बनाया गया और भारत में रहने की उनकी दलीलों को भी नहीं सुना गया।इससे पहले मंगलवार को नस्लभेद पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत तेंदाई एच्यूम ने भारत को चेतावनी दी थी कि भारत दमन के अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़ने का खतरा उठा रहा है। उनके मुताबिक किसी शरणार्थी या जेल में बंद कैदी को किसी ऐसे देश में भेजना जहां उसे नुकसान हो सकता है, अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।