मकड़ाई समाचार रहटगांव। करोड़ो की लागत से बनी रहटगांव की उप कृषि उपज मंडी में न तो व्यापारी और न ही कृषक आते है। क्योंकि उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। और ना ही ज्यादा व्यापारी हैं।मुश्किल से रहटगांव मंडी में दो से तीन व्यापारी खरीदारी करते हैं। जिसके कारण किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता ।इसलिए किसान सीधे रहटगांव से 20 किलोमीटर दूर या तो टिमरनी का रुख करता है ।या फिर हरदा जिले का इस कारण रहटगांव मंडी सूनी पड़ी है। अगर रहटगांव मंडी में व्यापारी की तादाद बढ़ जाए तो किसान भी अपनी फसल मंडी लेकर पहुंचे, मजबूरन लोग ओने पौने दामों में कई बार अपनी फसल बाजार में बैठे रोड छाप बिना लाइसेंस के व्यापारियों को दे जाते हैं।
शासन प्रशासन अगर ध्यान दें तो करोड़ों की लागत से बने कृषि उपज मंडी रहटगांव भी गुलजार हो जाए। और यहां के छोटे-मोटे दुकानदारों को भी रोजगार मिल जाए परंतु प्रशासन की निराशावादी नीति के कारण रहटगांव मंडी में कृषक अपनी उपज नहीं लेकर आता ।क्योंकि उसे उसकी उपज का उचित दाम नहीं मिलता। इसलिए कृषक मजबूरन भाड़ा करके टिमरनी हरदा अपनी फसल को ले जाते हैं। जबाबदार जनप्रतिनिधि अगर इस ओर ध्यान दें तो रहटगांव मंडी फिर से गुलजार हो सकती है।