विधानसभा में बहस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने शांतिप्रिय कश्मीरी हिंदुओं के नृशंस हत्याकांड और उनके निर्वासन पर बनी फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” पर कहा कि इसको टैक्स फ्री करने के लिए कह रहे हैं। “इसे यूट्यूब पर अपलोड कर दो फ्री फ्री हो जाएगा। टैक्स फ्री क्यों करवा रहे हो। इतना ही तुम्हें शौक है तो विवेक अग्निहोत्री को बोलो कि इस फिल्म को यूट्यूब पर डाल दे सभी लोग एक ही दिन में ये फिल्म देख लेंगे”। केजरीवाल उन लाखों कश्मीरी हिंदुओं के बर्बर हत्याओं और उनके निर्वासन के दर्द पर अट्टहास कर रहे हैं। 1990 के दशक में हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन को झूठा कह रहे हैं।
जनता सब जानती है इसलिए जनता का भरपूर प्यार इस फिल्म को और विवेक अग्निहोत्री को मिल रहा है जिसके कारण यह फिल्म 2 सौ करोड़ से अधिक की कमाई कर चुकी है लेकिन लगता है सेक्युलरिज्म का पाठ पढ़ाने वाले कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रही है। इनमें से एक नाम केजरीवाल का भी है। इसलिए विधानसभा में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि कुछ लोग कश्मीरी पंडितों के नाम पर करोड़ों कमा रहे हैं और तुम लोग(बीजेपी) फिल्म के पोस्टर चिपका रहे हो। लेकिन अफसोस की बात तो यह है कि कश्मीरी हिंदूओं के इस नरसंहार पर सियासत हो रही है।
केजरीवाल के इस शर्मनाक बयान के बाद, अनुपम खेर ने पलटवार करते हुए ट्वीटर पर अपने किरदार की अलग-अलग फोटो के कोलाज को शेयर करते हुए लिखा है कि “अब दोस्तों #TheKashmirFiles सिनेमा हॉल में ही जाकर देखना। आप लोगों ने 32 साल बाद #KashmiriHindus के अत्याचार को समझा है। उनके साथ हुए अत्याचार को समझा है। उनके साथ सहानुभूति दिखाई है। लेकिन जो लोग इस Tragedy का मजाक उड़ा रहे हैं। कृपया उनको अपनी ताकत का एहसास कराएँ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं ने इस फिल्म को देखा है और इसकी तारीफ करते हुए इस फिल्म को आम लोगों को देखने की अपील भी की है। इतना ही नहीं कई राज्यों ने फिल्म को टैक्स फ्री भी किया है। जिस पर केजरीवाल सदन में टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि “हम आपसे झूठी फिल्मों के पोस्टर नहीं लगवाएंगे। जो भी करना हो कम से कम ये फिल्मों का प्रमोशन तो करना बंद करो।
गंदे लगते हो तुम लोग, सोभा नहीं देती है, आप राजनीति में कुछ करने आए थे, कहां झूठी फिल्मों के पोस्टर लगा रहे हो”। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विशेष रूप से आलोचना करते हुए केजरीवाल कहते है कि“8 साल सरकार चलाने के बाद अगर किसी देश के प्रधानमंत्री को विवेक अग्निहोत्री के चरणों में शरण लेनी पड़े तो इसका मतलब उस प्रधानमंत्री ने 8 साल में कोई काम नहीं किया, बताओ विवेक अग्निहोत्री के चरणों में शरण लेनी पड़ रही है बचा लो बचा लो” जैसे आरोप लगा रहे हैं।
देश के प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की अभद्र टिप्पणियां करना उन्हें क्या शोभा देती है। केजरीवाल देश की जनता के जनादेश पर सवाल उठा रहे है क्योंकि देश की जनता ने बहुमत से मोदी को दूसरी बार देश का प्रधानमंत्री चुना है उनके काम को देख कर और जहां तक फिल्म की बात है वो तो अब बनी है जनता ने उन्हें पहले से ही चुन लिया था। केजरीवाल जी शायद भूल गए हैं कि वो फिल्मों के कितने शौकीन है। बींसयों ऐसी फिल्में होंगी जिसे आपने देखा और उस फिल्म का प्रमोशन किया।
हिंदू विरोधी और एक वर्ग को खुश करने जैसी कई फिल्मों को आपने टैक्स फ्री भी किया है जिसमें से जिस 83 फिल्म को आपने टेक्स फ्री किया था उसमें क्या दिखाया गया कि पाक सेना ने भारतीय सेना को फाइनल मैच का स्कोर सुनाने के लिए फायरिंग रोक दी थी? क्या ऐसा हुआ था नहीं इस झूठ को फैलकर आप तुष्टिकरण की राजनीति कर सकते। परंतु हिंदुओं की पीड़ा को जग जाहिर होने से आपको दिक्कत हो रही है।
इसके अलावा कई फिल्में है जिसे आपने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके प्रमोट किया है जैसै- 83, सांड की आंख, निल बटे सन्नाटा, मसान, मॉम, आर्टिकल 15, सीक्रेट सुपरस्टार, गब्बर इज बैक और वन्स अपॉन ए टाइम इन बिहार जैसी कई फिल्मों के नाम इनमें शामिल है। तब आप राजनीति में क्या फिल्मों का प्रमोशन करने और रिव्यू देने आए थे।
खुद की करनी भूल गए और मोदी देश में हुए उन कश्मीरी हिंदूओं पर बनी एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म को अच्छा बताया तो आपकी हिंदू विरोधी छवि उभर कर जनता के सामने आ गई ऐसे बड़े हिंदू बने घूमते थे परन्तु जब बात आई कश्मीरी हिंदूओं का साथ देने की तो तुष्टीकरण की राजनीति खतरे में आ गई और विधानसभा में ठहाके लगाने लगें।
सियासत की सहूलियत के मुद्दे को समर्थन और विरोध का सामना करना पड़ता है परंतु इस फिल्म को झूठी फिल्म बताकर उन सभी कश्मीरी हिंदूओं के सामूहिक नरसंहार का मजाक बनाया देश के हिंदू इस बात को कभी नहीं भूलेंगे। इस बयान के बाद बीजेपी सड़कों पर उतर गई है। केजरीवाल के घर के पास धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और उन सभी कश्मीरी हिंदूओं से केजरीवाल को माफी मांगने के लिए कहा जा रहा है। कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली में पोस्टर लगा रहे है।
वही दूसरी ओर, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने केजरीवाल के यूट्यूब पर फिल्म को डालने जैसे बयान पर जवाब देते हुए कहा कि “केजरीवाल जी ने उपर्युक्त(जिन फिल्मों को केजरीवाल ने टैक्स फ्री किया है उसका हवाला देते हुए) फिल्मों को यूट्यूब पर डालने की सलाह क्यों नहीं दी? दिल्ली में टैक्स फ्री क्यों किया? केजरीवाल किन किन के चरणों में गिरा होगा? क्योंकि द कश्मीर फाइल्स हिंदुओं के नरसंहार की दास्तान दिखा रही है, इसलिए इस अर्बन नक्सल के पेट में दर्द हो रहा है?”
इसतरह ये साफ-साफ दिख रहा है कि केजरीवाल किस तरह हिंदू विरोधी कार्यों को प्रोत्साहन देते हैं। द कश्मीर फाइल्स फिल्म के जरिए, केजरीवाल की मानसिकता पूरी तरह उजागर हो चुकी है जो जे एन यू में भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारों का समर्थन करती है, सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाती है ऐसे इंसान से भारत वासी और क्या अपेक्षा कर सकते हैं। कश्मीरी हिंदूओं को बस उन्हें न्याय चाहिए और कुछ नहीं।