मकड़ाई समाचार हंडिया। श्रावण महिने का वैसे तो हर दिन भोलेनाथ के भक्तों के लिए अहम होता है,लेकिन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की भक्ति में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना हो जाता है। प्राचीन काल से ही श्रावण माह के सोमवार को भगवान शंकर पर जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक का प्रचलन चलता आ रहा है। श्रावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर सुबह से धार्मिक नगरी हंडिया के शिवालयों में भक्तों का हुजूम रहा। बम-बम भोले के जयकारों से शिवालय गूंजते रहे। रिद्धनाथ महादेव मंदिर में दूध,बेल-पत्र,धतूरा लिए भोलेनाथ के दर्शन-पूजन के लिए अल सुबह से ही भक्तो के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था। अपने आराध्य देव भोलेनाथ को भक्त तरह-तरह से प्रसन्न कर रहे थे। कोई रुद्राभिषेक कर रहा था तो कोई शिवलिंग पर दूध चढा रहा था।
रिद्धनाथ महादेव मंदिर के पुजारी पंडित नवीन कुमार व्यास ने बताया कि सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर पहुंचने लगे थे। खासकर महिला भक्तों व युवतियों में भगवान शंकर के प्रति पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा आस्था दिखाई दी। ऐसे में सुबह से चालू हुआ जल चढ़ाने का सिलसिला दोपहर के बाद शाम तक चलता रहा। कई भक्तों ने पूजा-अर्चना के साथ भगवान शिव को बीलपत्र,भांग, धतूरा, पुष्प,अक्षत चढ़ा कर स्मरण किया। संध्या काल के समय भगवान रिद्धेश्वर महादेव का विशेष श्रंगार किया गया जिसे देखने भक्तों का हुजूम उमड़ा।
भगवान भोलेनाथ को प्रिय है श्रावण माह
कहते हैं कि श्रावण के महीने में भगवान शिव की भक्ति और आराधना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रावण माह महादेव को प्रिय है, भगवान शिव देवताओं में सबसे सरल और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं। भोलेनाथ की आराधना के लिए यूं तो पूरा श्रावण मास ही शुभ है किन्तु सोमवार का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भक्तों के सभी मनोरथ पूरे होते हैं, श्रावण के सोमवार को शिव मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।