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सुखतवा नदी पर वैली ब्रिज निर्माण के लिए सैनिकों ने संभाला मोर्चा, शाम तक आवाजाही शुरू होने की उम्‍मीद

मकड़ाई समाचार इटारसी। सुखतवा नदी पर बने अस्थाई पुल पर बार बार बारिश के इस सीजन में पानी आने की समस्या से निपटने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार से यहां आर्मी इंजीनियरिंग की टुकड़ी लोहे से बनने वाले वैली ब्रिज के निर्माण में युद्धस्तर पर जुटी हुई है। शुक्रवार सुबह 6 बजे से आर्मी की 102 वीसी इंजीनियरिंग बटालियन ने सुखतवा नदी पर वैली ब्रिज तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। लेफ्टिनेंट कर्नल एसएस मेहता की अगुवाई में आर्मी सेंटर, बैरागढ़ भोपाल से आई टीम आज शाम तक ब्रिज का निर्माण पूरा कर देगी। 40 टन भारवाहन क्षमता वाले वैली ब्रिज का ट्रायल लिया जाएगा इसके बाद इसे यातायात के लिए आरंभ कर दिया जाएगा।

शुक्रवार सुबह एसडीएम राजस्व मदन सिंह रघुवंशी ने मौके पर जाकर कामकाज का निरीक्षण किया। एसडीएम ने सैन्य अधिकारियों की सुविधाओं की जानकारी लेकर इस कार्य के लिए सेना की तारीफ की। रघुवंशी ने बताया कि सुबह छह बजे आर्मी जवानों ने काम प्रारंभ कर दिया था। आज शाम तक इसके पूरे होने की उम्मीद है। ब्रिज निर्माण का काम देखने भोपाल से टीम कमाडेंट भी सुखतवा पहुंच रहे हैं।

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गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2022 को बैतूल-इटारसी के बीच सुखतवा नदी पर अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बना डेढ़ सौ साल पुराना पुल 275 टन भारी ट्राला गुजरने के दौरान टूट गया था। इस हादसे के बाद से ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर बार बार यातायात बाधित हो रहा है। ढाई करोड़ रुपये की लागत से एनएचएआइ ने अस्थाई पुल बनाया था, लेकिन ऊंचाई कम होने के कारण भारी वर्षा में करीब 10 बार नदी उफान पर आने से रास्ता बंद के बीच वैली ब्रिज का काम शुरू किया है। पुल निर्माण के दौरान ट्रैफिक को डायवर्ट कर नर्मदापुरम से हरदा, चिचोली, बैतूल होकर नागपुर के लिए भेजा जा रहा है।

सेना द्वारा तैयार किया जा रहा यह वैली ब्रिज 93 फीट लंबा और 10.50 फीट चौड़ा होगा। इसकी वहन क्षमता 40 टन की होगी। इससे अधिक वजनी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। ब्रिज निर्माण में सेना की इंजीनियरिंग टीम के साथ ही चार पोकलेन मशीन, दो जेसीबी और एक क्रेन की मदद ली जा रही है।