मकड़ाई समाचार उज्जैन। आरोग्य, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य व उन्नति का महापर्व हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा शनिवार को मनाया जाएगा। ऋषि मुनियों की प्रेरणा से राज्य परंपराओं में पुष्पित, पल्लवित उत्सव की यह परंपरा धर्मधानी में आज भी कायम है। मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर सुबह 6.27 बजे शंख की मंगल ध्वनि के साथ सूर्य की प्रथम किरण को अर्घ्य देकर नववर्ष का स्वागत किया गया। इसके बाद गुड़ी आरोहण, सूर्य नमस्कार तथा नगर वासियों को नीम मिश्री का सेवन कराया जा रहा है। नवसंवत्सर का यह उत्सव मनाने के क्या मायने हैं? नईदुनिया विद्वानों के माध्यम से अपने पाठकों को यह बताने जा रहा है।
उत्सव की परंपरा : प्रकृति के महोत्सव से परिचित कराने का पर्व
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सृष्टि के आरंभ तथा युग आदि की प्रथम तिथि है। सिद्धांतत: मानव जीवन को निर्बाध गति से आगे बढ़ने की प्रेरणा सनातन धर्म पंरपरा में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार पुरुषार्थों से मिलती है। इसलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर शक्ति स्वरूपा गुड़ी के पूजन का विधान है। अनादिकाल से नवसंवत्सर के उत्सव में सूर्य को अर्घ्य, सूर्य नमस्कार, नीम मिश्री का सेवन आदि को शामिल किया जाता रहा है। आयोजन के यह महत्वपूर्ण अंग मनुष्य को प्रकृति के महत्व से परिचित कराने के लिए शामिल किए गए हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी दैनिक दिनचर्या में इन्हें शामिल कर जीवन को सुखमय बना सकता है। – पं.अमर डब्बावाला, ज्योतिषाचार्य
सूर्य नमस्कार : 12 फायदे शरीर को रखे सेहतमंद
– सूर्य नमस्कार शरीर के लिए बेहतर टानिक है। इसके बारह फायदे शरीर को पूर्णरूपेण स्वस्थ्य रखते हैं।
– यदि आपकों कई तरह की शारीरिक समस्या है, तो आपको तुरंत ही सूर्य नमस्कार शुरू कर देना चाहिए।
– सूर्य नमस्कार से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
– शरीर में लचीलापन आता है। वजन कंट्रोल रहता है। हड्डियां मजबूत होती है।
– मानसिक तनाव कम होता है। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
– मन की एकाग्रता बढ़ती है, विद्यार्थियों को पढ़ाई में इसका फायदा मिलता है। – मिलिंद त्रिपाठी, योगगुरु
सूर्य को अर्घ्य : आरोग्यता व उन्नति सुखमय रखे जीवन
– सूर्यदेव को उदय के समय नियमित जल अर्पित करने से जीवन सुखमय हो जाता है।
– मान्यता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से नौकरी की प्राप्ति, पद में वृद्धि तथा आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
– हृदय रोग होने की आशंका कम होती है, साथ ही त्वचा संबंधी रोग नहीं होते हैं।
– पिता पुत्र के संबंध आत्मीय रूप से मजबूत होते हैं तथा पैतृक संपत्ति का लाभ मिलता है।
पं.हरिहर पंड्या, ज्योतिर्विद
गुड़ी पूजन : उन्नति व ऐश्वर्य प्रदान करती है गुड़ी
– गुड़ी समृद्धि,शक्ति, विजय की प्रतीक मानी गई है। कुल व लोकपंरपरा में गुड़ी पूजन की मान्यता है।
– गुड़ी का पूजन अर्थ,अर्थ,काम तथा मोक्ष चार पुरुषार्थों की प्राप्ति कराने वाला माना गया है।
– गुड़ी की पूजा से मानव जीवन में सुरक्षा, सफलता, उन्नाति, प्रगति तथा सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पं.चैतन्य श्यामनारायण व्यास,धर्मशास्त्र के जानकार
नववर्ष गुड़ी पड़वा पर आयोजन संस्था : नववर्ष आयोजन समिति,
स्थान : रामघाट
यह आयोजन : कल्पादि, सृष्टयादि, युगादि तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महामहोत्सव शनिवार सुबह 6 बजे से शिप्रा के रामघाट पर मनाया जाएगा। संस्था नववर्ष आयोजन समिति के तत्वावधान में नगरवासी शंख की मंगल ध्वनि के साथ सुबह 6.23 बजे सूर्य को अर्घ्य प्रदान करेंगे। पं.आनंदशंकर व्यास ने बताया यह आयोजन का 46 वां वर्ष है। कार्यक्रम में संवत्सर मंत्रों का जाप व नीम मिश्री का वितरण किया जाएगा।
संस्था : नवसंवत्सराभिनंदन समिति
स्थान : दत्त अखाड़ा घाट
यह आयोजन : नवसंवत्सराभिनंदन समारोह समिति समिति द्वारा शिप्रा के दत्तअखाड़ा घाट पर नववर्ष का उत्सव मनाया जाएगा। सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद शिप्रा का पंचामृत अभिषेक पूजन होगा। इसके बाद उज्जयिनी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। केसरिया ध्वज, गुड़ी तथा कन्याओं का पूजन होगा। नीम मिश्री का वितरण कर सभी के कल्याण की प्रार्थना की जाएगी।
संस्था : गायत्री परिवार
स्थान : कालिदास अकादमी स्थित कमल तालाब
यह आयोजन : गायत्री परिवार द्वारा हिन्दू नववर्ष का उत्सव सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कालिदास अकादमी स्थित कमल तालाब के तट पर मनाया जाएगा। यह जानकारी देवेंद्र श्रीवास्तव ने दी।
नीम मिश्री का सेवन : इम्यून सिस्टम बनाए मजूबत
– इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में नीम और मिश्री का कॉम्बिनेशन बहुत शानदार है।
– इससे बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। संक्रामक बीमारियों के लिए भी यह कारगर है।
– नीम मिश्री के सेवन से हीमोग्लोबिन बढ़ता है, इससे एनीमिया की समस्या दूर हो जाती है।
– नीम मिश्री के शरबत से शरीर में थकान, कमजोरी आने जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती है।
– दान, खाज, खुजली आदि त्वचा रोगों के लिए भी नीम का सेवन रामबाण इलाज बताया गया है।
– पं.पवन गोपीनाथ व्यास, प्रधान वैद्य केंद्रीय औषधालय नगर निगम