ग्रामीणों ने जान पर खेलकर
कई भेड़ ऊंट को बचाया, गडरियो को सुरक्षित स्थान पर भिजवाया
हरदा। दो दिनो से लगातार जिले में हो रही भारी बारिश के कारण पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। नदियों में आई बाढ़ के बाद आसपास के खेत जल मग्न हो गए। खेतो में खड़ी फसल भी बह गई। वही करीबी ग्राम कुकरावद में मटकुल नदी के किनारे एक किसान ओम जाट का खेत है। खेत में पिछले दो से तीन दिनो से राजस्थान राज्य के पाली जिले के गाडर वाले अपनी भेड़ों को खेत में बिठाए हुए थे। बीते 24 घंटे से लगातार हो थी भारी बारिश से रात में नदी में बाढ़ के पानी से खेत के अंदर भी चार से पांच फीट पानी भर गया। जिसके कारण गडरियो का सभी गृहस्थी का सामान खराब हो गया। वही भेड़ ऊंट पानी में फंस गए। इस दौरान सुबह ग्रामीणों को जानकारी लगने पर सुलतानपुर के युवाओं ने जान पर खेलकर उन लोगो को रेस्क्यू कर बचाया। ग्रामीण युवा विनोद भिलाला ने बताया कि 8 ऊंट और कई भेड़ को हम बचाने में सफल हुए। लेकिन ग्रामीणों के पहुंचने से पहले उ सुबह सुबह लगभग दो सैकड़ा भेड़ नदी के पानी में बह गई वही दो दर्जन भेड़ की मृत्यु हो गई। वही बाढ़ के कारण उनका लाखो रुपए का नुकसान हो गया। उनकी आंखों के सामने भेड़ पानी में बह गई तो कइयो ने दम तोड दिया। इससे डेरे वाले व्यथित हो गए।
उधर घटना की जानकारी कृषि मंत्री पटेल को लगने के बाद उन्होंने जिले के अधिकारियों को मौके पर जाने को कहा गया है। लेकिन अभी नदी नाले उफान पर होने के कारण मार्ग बंद है। फिलहाल ग्रामीणों ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर निकाल लिया है।
इन ग्रामीणों ने बचाई जान
विनोद भिलाला, रामकृष्ण भिलाला, प्रकाश दानी मोटू खान, फोजी ढाबी, लखन सोलंकी मनीष भिलाला सुनील भिलाला गोलू भिलाला, सहित अन्य तीस ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर भेड़ों उंटो की जान बचाई।
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