हरदा जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक शनिवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गजेंद्र शाह, उपाध्यक्ष श्री दर्शन सिंह गहलोत, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहित सिसोनिया, सांसद प्रतिनिधि श्री आलोक वर्मा व जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री डी. के. सिंह व सुश्री सोनम वाजपेयी के अलावा किसान प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री गर्ग ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नहर के टेल क्षेत्र के किसानों को सबसे पहले पानी मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि नहरों से किसानों को सिंचाई के लिये जल प्रदाय व्यवस्था ‘‘टेल टू हेड’’ सिस्टम के आधार पर संचालित की जाए। उन्होने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे सिंचाई के दौरान नहरों के आसपास लगातार पेट्रोलिंग करें तथा जो भी व्यक्ति नहरों की जल प्रदाय व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करें, उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करें।
कलेक्टर श्री गर्ग ने बैठक में निर्देश दिये कि नहरों की उपशाखावार संबंधित क्षेत्र के किसानों व जल संसाधन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के वाट्सअप ग्रुप बनाये जायें ताकि सिंचाई के दौरान कोई सूचना प्रसारित करना हो तो उसकी जानकारी सभी को हो सके। उन्होने बैठक में कहा कि इस वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से नहर में पानी छोड़ने का समय, छोड़े गये पानी की मात्रा, नहर का जल स्तर आदि की जानकारी व फोटो पोस्ट कर मॉनिटरिंग की जाएगी। बैठक में 25 मार्च को तवा नहर से पानी छोड़े जाने पर सहमती बनी। बैठक में सभी किसानों ने सर्वसम्मति से तय किया कि इस वर्ष नरवाई नहीं जलायेंगे। बैठक में कलेक्टर श्री गर्ग ने निर्देश दिए कि गांव वार मैप में एरिया चिंहित किये जाए। नहरों में गाद समस्या का निराकरण करने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाएं। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गजेंद्र शाह ने कहा किसानों ने अपनी बात रखी है उनके हित में समस्या का निराकरण करें।
बिजली विभाग के अधिकारी ने बताया कि दो ग्रुपों में बिजली सप्लाई की जायेगी। एक ग्रुप में दिन में 11 से रात में 9 बजे तक तथा दूसरे ग्रुप में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक यह शेड्युल हर सप्ताह बदला जाएगा।
जिला जल उपयोगिता समिति के सचिव एवं कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग हरदा श्री डी.के. सिंह ने बताया कि बैठक में ग्रीष्म कालीन मूंग फसल वर्ष 2023 के लिये तवा बांयी तट मुख्य नहर में जल प्रवाह छोड़े जाने की तिथि एवं पानी की मांग का निर्धारण तथा ग्रीष्म कालीन मूंग फसल के लिये कृषि विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों के साथ अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई। उन्होने बताया कि इस वर्ष 2023 में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल की सिंचाई हेतु हरदा संभाग अंतर्गत तवा बांयी तट मुख्य नहर प्रणाली कि.मी. 86.43 से कि.मी. 128.51 (टेल) तक उपनहरों में चिन्हित लंबाई तक लगभग 18435 हेक्टेयर क्षेत्र तथा टिमरनी संभाग अंतर्गत हंडिया शाखा नहर प्रणाली कि.मी. 0 से कि.मी. 40 तक उपनहरों में चिन्हित लंबाई तक लगभग 19325 हेक्टेयर क्षेत्र, इस प्रकार हरदा जिले के कुल 137 ग्रामों में 37760 हेक्टेयर क्षेत्र ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में सिंचाई हेतु प्रस्तावित है, जिसका अनुमोदन जल उपयोगिता समिति की बैठक में किया गया।
बैठक में किसानों ने तवा नहर से सिंचाई के लिए आवश्यक सुझाव दिए और कहा कि यह प्रयास किया जाए कि नहर के आखिरी छोर तक के सभी किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले