रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली बनके सबा…
मकड़ाई समाचार हरदा। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 की उम्र में निधन हो गया। लताजी ने आजीवन स्वर और सुर की साधना की। ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर जी के निधन से भारत की आवाज़ खो गई है। उनके गाये हुए गीतों को भारत की कई पीढ़ियों को सुना और गुनगुनाया है। उनका निधन देश की कला और संस्कृति जगत की बहुत बड़ी क्षति है। आपका मंच-आपके गीत के सदस्यों द्वारा 2 मिनिट का मौन रखते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि के दौरान गायक सुदीप मिश्रा, विजय चौहान ,आर्यन नेमा, वीणा चौबे ,भारती बैरागी, राम नेमा, द्वारा तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया है , रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली बनके सबा, ये मेरे वतन के लोगों ,सत्यम शिवम सुंदरम ,तू जहां जहां रहेगा मेरा साया साथ होगा, लग जा गले ,अजीब दास्तां है ये कहा शुरू कहा खत्म, जैसे मधुर गीत गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।