हरदा : वनग्राम में मूलभूत सुविधाओं से वंचित आदिवासियों की सुध लीजिए सरकार ! – वनांचल क्षेत्र के सैकड़ो आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव।
हरदा । आजादी के 7 दशक से अधिक का समय, विकास के उजले लहराते पंख के झिलमिलाते विज्ञापनों के बीच रहटगांव तहसील के दूरस्थ वनग्राम के आदिवासियों को सड़क पानी बिजली की सुविधा न मिल पाना, उनके द्वारा प्रदर्शन कर प्रशासन को समस्या जताना ये बातें जनप्रतिनिधियों द्वारा निधियों के उपयोग की असल दास्ताँ सुनाती है। एक तरफ तो हम चांद पर जाकर वैश्विक कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं वहीं इतने सालों के बाद भी हमारे अपने ज़मीनी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इन लोगों को स्वयं प्रज्ञान बनकर अपनी मुश्किलों की तस्वीर प्रशासन को दिखाना पड़ रही है। ये स्थिति दुःखद है।
उम्मीद है कि आदिवासियों की इन असुविधाओं को प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी प्राथमिक कर्तव्यों की सूची में रखकर अपनी कर्तव्यपरायणता व सदाशयता का परिचय देंगे।
क्या है मामला –
वनांचल क्षेत्र में पक्की सड़क की सुविधा नही होने से नाराज वनांचल क्षेत्र के सैकड़ो आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट गेट पर बैठ कर जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 75 साल बाद भी आजतक गांव में पक्की सड़क पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। ग्रामीणों ने बताया कि रहटगांव तहसील के वनग्राम जूनापानी से मुख्य मार्ग तक 20 किलोमीटर सड़क नही होने से बारिश में कीचड़ हो जाता है । जिससे गांव से शहर पैदल आना जाना मुश्किल हो जाता है। बारिश में अगर कोई बीमार हो जाता है तो उसे अस्पताल लेजाने तक सुविधा नहीं मिलती जिससे डिलेवरी वाली महिलाओ कि रास्ते में ही डिलेवरी हो जाती और कभी कभी सुविधा के भाव में जच्चा बच्चा कि मौत भी हो जाती है। वनांचल क्षेत्र में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने 7 सितंबर से वनांचल क्षेत्र में धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर कार्यालय का घेराब किया। करीब दो घंटे चले धरना प्रदर्शन के बाद संयुक्त कलेक्टर के सी परते द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन ख़त्म किया गया।