ब्रेकिंग
हरदा: रिलाएबल सोसायटी ने आयोजित किया यूथ मीट :यूथ वॉइस के माध्यम से युवा स्वास्थ्य, नशाखोरी तथा भ्रष... घोर कलयुग हैवान दरिंदे भतीजे ने 80 साल की वृद्धा ( बड़ी मां) के साथ किया दुष्कर्म, पुलिस ने दस घंटे ... जोगा किले की दीवार पर खड़ा होकर युवक ले था सेल्फी, संतुलन बिगड़ने पर नर्मदा नदी में गिरा, एसडीईआरएफ ... हरदा में शतरंज प्रतियोगिता संपन्न , कलेक्टर जैन आये प्रथम ! हरदा : जिले में रिक्त 21 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 122 सहायिका के पदों पर होगी भर्ती सागर कलेक्टर की भ्रमित पोस्ट को लेकर केदार सिरोही ने लिखा आपत्ति पत्र, दिग्विजय सिंह ने केदार सिरोही... मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मारा छापा, 80 हजार किलो खाद पकड़ी, कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों में नच... Today News: मप्र आज का मौसम : रविवार को ग्वालियर, चंबल, सागर-रीवा सम्भाग में भारी बारिश का अलर्ट राजा रघुवंशी हत्याकांड मे नया मोड़ शनिवार रात एक प्रॉपर्टी ब्रोकर को एसआईटी ने पकड़ा! प्रॉपर्टी ब्रोकर... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 22 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे

हवस का पुजारी संदीप शर्मा महिला कर्मचारी का बनना चाहता है गॉड फादर

नौकरी से निकलवा देना और काम का अत्यधिक बोझ दबाव बनाकर करता है उनका  शोषण 

मकड़ाई समाचार हरदा। न्याय  के इस मंदिर में बैठकर अधीनस्थ महिला कर्मचारियों के साथ अन्याय करने वाले 2 कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सत्ता धारियों के नशे में चूर होकर अपने ही विभाग में काम करने वाली महिलाओं को बुरी नियत से  देखते हुए उनका शारीरिक शोषण करने के लिए बहुत ही घिनौना खेल खेलते हुए नजर आ रहे हैं। जहां यह दोनों अधिकारी अपनी हवस और जिद को पूरी करने के लिए उन महिला कर्मचारियों पर अत्यधिक काम का बोझ तो कभी नौकरी से हटवा देने की धमकी तो कभी काम में लापरवाही बरतने जैसे कार्य का हवाला देते हुए उन महिलाओं को यह हवस के पुजारी अपनी बात मनवाने और आत्मसमर्पण कर देने के लिए मजबूर किया  जाता रहा। जब किसी महिला द्वारा इसका विरोध किया गया तो उन्हें विभिन्न प्रकार की धमकियां भी मिली तो किसी ने बदनामी के डर के कारण किसी से कुछ ना कहा। लेकिन जब किसी के पाप का घड़ा भर जाता है तो फूटना निश्चित ही है और आखिरकार एक महिला ने इन दोनों भ्रष्ट अधिकारियों से परेशान होकर अपनी इज्जत और बदनामी को ना देखते हुए इन भेड़ियों की शिकायत अपने ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लिखित एवं मौखिक रूप से की तो उन अधिकारियों ने भी इस मामले को टालमटोल करते हुए लगभग चार माह से ज्यादा का समय बिता दिया और जांच के नाम पर उक्त मामले को रफा-दफा करते नजर आ रहे।
विभाग के लोगों को ही नहीं मिला न्याय
जिले का कलेक्टर कार्यालय एक ऐसा  न्याय का मंदिर है जहां लोग विभिन्न समस्याओं और गतिविधि को लेकर न्याय की उम्मीद रखते हुए अपनी समस्या लेकर आते हैं। लेकिन अगर वही पदस्थ अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारी ही उन शिकायतों पर ध्यान ना दें और शिकायतकर्ता को ही गुमराह करते हुए परेशान किया जाए तो ऐसे में इस न्यायालय पर कौन विश्वास करेगा और कई लोगों की उम्मीदें टूटी भी हैं। जिस कारण से जिले की शिकायत को लेकर लोग कहीं कमिश्नर कार्यालय तो कहीं सीएम के पास करने पर मजबूर हो जाते हैं। तो कई लोग इनसे भी दूर हटकर न्यायालय की शरण में जाते हैं। लेकिन जिले के मुखिया कहलाने वाले ही लोगों की समस्या का निराकरण नहीं करेंगे तो फिर कौन सुनेगा। इसी न्याय के पवित्र मंदिर में उसी महिला को  न्याय पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। जो उसी विभाग में एक कर्मचारी के रूप में कार्य कर रही है।
9 माह में भी जांच पूरी नहीं
कलेक्टर न्यायालय में पिछले लगभग 9 महा से एक पीड़ित महिला अपने ऊपर हुई आपबीती और परेशानी समस्या को लेकर कलेक्टर न्यायालय में लिखित शिकायत करते हुए गुहार लगाते हुए आरोपों से घिरे संदीप शर्मा और आर आई पंकज खत्री को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई। लेकिन इस न्याय के मंदिर में 9 महा बीत जाने के बावजूद भी अधिकारी सिर्फ जांच का हवाला देते आ रहे हैं। लेकिन बात तो यह आती है कि ऐसी कौन सी जांच चल रही है। जिसमें 9 माह से अधिक का समय बीत गया। लेकिन अभी तक जांच पूरी ना हो सकी जबकि पीड़ित महिला ने तो लिखित शिकायत आवेदन में अपने साथ हुई घटना का पूर्ण जिक्र किया है। और अपने बयान भी दर्ज करा चुके हैं। लेकिन अब अधिकारी और किस चीज का इंतजार कर रहे हैं। यह बात समझ से परे है आखिरकार अधिकारी इन भ्रष्ट वीडियो को क्यों बचाना चाह रहे हैं क्या पीड़ित परिवार महिला को न्याय मिल पाएगा या अन्य लोगों की तरह यह मामला भी एक फाइल बनकर दब जाएगा और ऐसे ही और इसी कारण पीड़ित महिला अब न्याय की उम्मीद खोती जा रही है।

- Install Android App -

पीड़िता दो बार कर चुकी शिकायत
पीड़ित महिला ने एसडीएम के रीडर सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ बाबू संदीप शर्मा और आरआई पंकज खत्री की लिखित शिकायत सबसे पहले एसडीएम को दिनांक 11-7-19 को की थी। जिसमें  मानसिक रूप से परेशान करने और शारीरिक शोषण करने के लिए दबाव बनाने जैसा जिक्र किया था। इसके बावजूद भी एसडीएम साहब द्वारा इस शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और बल्कि पीड़ित शिकायतकर्ता को ही दबाया गया एवं आरोपी संदीप शर्मा व पंकज खत्री द्वारा शिकायत करने के कारण उस पर दबाव बनाया जाने लगा। जिससे पीड़िता मानसिक रूप से  परेशान रहने लगी अत्यधिक दबाव  आने के कारण पीड़िता ने दूसरी बार शिकायत कलेक्टर महोदय को दिनांक 11-01-2020 को की गई इसके बावजूद भी नो महीने बीत गए लेकिन कलेक्टर साहब ने भी पीड़िता की गुहार ना सुनी और चलते बने लेकिन पिछले माह नए कलेक्टर साहब के आ जाने के बावजूद भी इनके द्वारा भी पीड़िता की शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे पीड़िता बार-बार अपनी शिकायत को लेकर आरोपियों की प्रताड़ना झेलने को मजबूर है।
क्यों नहीं किया दोनों को सस्पेंड
नियम कानून के रखवाले और नियम बनाने वाले ही नियमों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। जहां जिस बाबू और आरआई की जांच चल रही है। उसी विभाग में दोनों पदस्थ हैं। ना तो उन्हें कलेक्ट्रेट कार्यालय से हटाया गया और ना ही उन्हें सस्पेंड किया गया। जबकि कलेक्ट्रेट कार्यालय मैं ही पीड़ित महिला की शिकायत पर जांच किए जाने के आदेश पूर्व कलेक्टर द्वारा किए गए थे। लेकिन आरोपों से घिरे संदीप शर्मा व पंकज खत्री को कलेक्टर कार्यालय से नहीं हटाए जाने पर जांच में अड़चनें पैदा कर रहे हैं। वहीं विभाग के जांचकर्ता अधिकारियों से सांठगांठ कर जांच को प्रभावित करते हुए पीड़िता को डराने धमकाने में लगे हुए हैं। जिससे पीड़ित महिला अपनी शिकायत वापस ले ले। लेकिन जब पानी सिर से ऊपर हो जाए तो सामने कोई भी हो व्यक्ति उसे नहीं देखता है। इसी प्रकार पीड़ित महिला जब अत्यधिक परेशान हो गई तो उसे पीछे हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
: नोट इस खबर के संबंध में ओरिजिनल दस्तावेज मकड़ाई समाचार के पास उपलब्ध हैं जो न्यायालयीन कार्य के समय काम आवे
: अगले अंक में जांच अधिकारी आर आई एवं बाबू का होगा बड़ा खुलासा पढ़ते रहिए मकड़ाई समाचार