मकड़ाई समाचार हिमाचल प्रदेश|हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है|मौसम विभाग के येलो अलर्ट के बीच राज्य में भारी बारिश हुई है| सैकड़ों सड़कें ठप हो गई हैं। बादल फटने और भूस्खलन से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।देश में शनिवार शाम तक 268 सड़कें, 500 बिजली ट्रांसफार्मर और 140 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। 79 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। शुक्रवार रात कांगड़ा में सबसे अधिक 346 और धर्मशाला में 64 साल बाद रिकॉर्ड 333 मिलीमीटर बारिश हुई। रविवार और सोमवार को भी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में चक्की नदी पर बना 800 मीटर लंबा रेलवे पुल बहा
राज्य के कांगड़ा जिले में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण शनिवार को रेलवे का चक्की पुल बह गया|इस बात की पुष्टि कांगड़ा के एडीएम रोहित राठौर ने की है। हालांकि पुल में दरार के कारण डेढ़ सप्ताह पहले ट्रेन सेवा रोक दी गई थी। दिहार पंचायत के डोल गदायदा गांव में बैजनाथ-सरकाघाट मार्ग भी बह गया है|कांगड़ा के भनाला के गोर्डा (शाहपुर) में मकान गिरने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। जबकि मंडी के सराज, गोहर और द्रांग में बादल फटने की घटनाओं में 13 की मौत हो गई है. जबकि करीब नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। गोहर में प्रधान के परिवार के आठ सदस्यों के शव बरामद किए गए हैं। मलबे में दबने से प्रधान और उनकी पत्नी की भी मौत हो गई। तीनों एनएच मंडी पठानकोट, मंडी कुल्लू और मंडी जालंधर वाया धर्मपुर को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा कांगड़ा जिले में भूस्खलन से बागली स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गया है. कांगड़ा जिले के भनाला के गोरदा (शाहपुर) में एक घर ढह गया, जिससे 12 साल के बच्चे की मौत हो गई. इसके अलावा जिले में एक और व्यक्ति की मौत हुई है। मंडी के जवालापुर में चलती बाइक पर पत्थर गिरने से दो युवाओं की मौत हो गई है। जिले के नाचन क्षेत्र की पंचायत काशन के गांव झड़ोंन में शुक्रवार रात पहाड़ी के मलबे में मकान के दबने से एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई है।