ब्रेकिंग
मध्य प्रदेश में MSP पर सोयाबीन बेचने में किसानों की रुचि कम, बेहतर दाम की उम्मीद में रोक रखी है उपज Ladli Behna Yojana: 18वीं किस्त के तहत जल्द मिलेंगे 1250 रुपए, जानें पूरी खबर रहटगांव: सुनिए सरपंच साहब कब जागोगे ! रहटगांव जो तहसील मुख्यालय लेकिन विकास से कोसों दूर है। जिले ... भाजपा नेता और फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज ! हरदा कलेक्टर श्री सिंह बोले खेती की उन्नत तकनीकों के संबंध में किसानों को प्रशिक्षण दें! खाद बीज की ... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 7 नवंबर 2024 का राशिफल, इन चार राशिवालों की चमकेगी आज किस्मत, होगा धन लाभ डॉक्टर भरत काटकर के समर्थन में आया इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, SP को सौंपा ज्ञापन! पुतला फूंकने वाले पर ... Ladli Behna Yojana: इन बहनों को नहीं मिलेगी अगली किस्त, सरकार ने हटाया नाम, नहीं मिलेंगे ₹1250 Ladli Behna Awas Yojana Installment Date: लाड़ली बहना आवास योजना की पहली किस्त के 25000 रुपए जारी Petrol Price Today: पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी से पंप कर्मचारियों में खुशी की लहर, यहां जाने आज क...

जुड़वा भाईयो की मौत: बडे़ भाई सूरज की मौत की खबर चांद सह नही पाया, अगले दिन का सूरज उंगने से पहले शरीर छोड़ा

जुड़वा भाइयों ने आखिरी सांस तक निभाया साथ, ‘सूरज’ की मौत की खबर मिलते ही ‘चांद’ ने भी छोड़ी दुनिया

- Install Android App -

मकड़ाई समाचार राजस्थान।हम जुड़वा भाईयो की कहानी फिल्मों मंे ही देखते आए है जहां एक को चोट लगे तो दूसरे को भी अहसास होता है। ऐसा ही एक मामला जो हमे असल जिंदगी में सावरंदा के दो भाईयों में देखने को मिला है। सावरंदा निवासी दो जुड़वा भाई सूरज और चांद की कहानी कुछ इसी तरह ही थी।प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों एक साथ दुनिया में आए और 90 साल की उम्र में रविवार को सूरज की जिदंगी की सांझ ढली तो छोटा भाई चांद सदमा सह नहीं पाया और सोमवार सुबह सूरज उगने से पहले ही चांद ने भी दुनिया छोड़ दी। दोनों भाइयों की 12 घंटे के बीच हुई मौत चर्चा का विषय बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि मौजमाबाद के सावरदा में रामदेव साहू के घर 1933 में दो जुड़वा बेटे हुए। बड़े का नाम सूरज और छोटे का नाम चांद रखा गया। दोनों के आचार-विचार भी समान थे। ग्रामीणों की मानें तो दोनों भाइयों में यदि एक बीमार होता तो कुछ घंटों ही दूसरा भाई भी बीमार पड़ जाता था।
करीब 90 वर्षीय बुजुर्ग सूरज की बीमारी के चलते रविवार शाम 5 बजे मौत हो गई। परिजन ने अंतिम संस्कार किया तो छोटे भाई चांद को पता चला कि सूरज नहीं रहा तो सदमा लगने से सोमवार सुबह 5 बजे उसने भी दुनिया छोड़ दी। सूरज और चांद की शादी हरमाड़ा गांव में दो सगी बहनों से हुई थी। सूरज के तीन पुत्र हैं जबकि चांद के आठ पुत्र हैं।दोनो बुजुर्गो की मौत से परिवार सदमें में है वही दोनो जुड़वा भाई की एक साथ मौत भी लोगो के लिए रहस्यमयी लग रही है।ईश्वर के इस अनूठे निर्णय को लोग नतमस्तक कर रहे है।