– मोबाइल चोरों से पूछताछ कर नेटवर्क का खुलासा करने से पुलिस को परहेज
हरदा। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से बीते 8 माह में गुम हुए मोबाइल में से 56 पुलिस ने साइबर सेल की मदद से बरामद कर लिए। आवेदकों को बुलाकर लौटा दिए। बरामद मोबाइल की कीमत 8-9 लाख रुपए बताई जा रही है।
इधर शहर में 56 गुम मोबाइल बरामद को गुपचुप लौटाने की भी चर्चा है। 56 मोबाइल बरामद की उपलब्धि होने के बावजूद पुलिस अपना सीना ठीक से नहीं नहीं फुला पा रही। इसको लेकर भी कानाफूसी चल रही है। लोग दबी जुबान से कह रहे हैं किन किन लोगों को मोबाइल लौटाए गए उनकी सूची जारी होना चाहिए। जिससे मोबाइल गुम होने व चोरी होने की बात उजागर हो सके।
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पूछताछ न होने की चर्चा –
साल 2021-22 में माेबाइल गुम होने के आवेदनों को एकत्रित कर साइबर सेल ने जानकारी जुटाई। संबंधित थानों की मदद से 56 मोबाइल बरामद हुए। आवेदकों को एसपी आफिस बुलाकर मोबाइल सौंपे। एसपी मनीष अग्रवाल का दावा है कि ये सारे मोबाइल गुम हुए,जिनके आवेदन मिले थे। इनमें चोरी का कोई मोबाइल नहीं है। राेचक बात यह भी है कि मोबाइल चोरों से पुलिस पूछताछ नहीं करती,गिरोह का नेटवर्क पकड़ में नहीं आ रहा है। ऐसा न करने का कारण चोरी का सामान खरीदने वालों से उगाही व उन्हें बचाने की चर्चा है।
न ग्रुप में सूचना दी न किये फोन कॉल :
पूर्व में मामूली उपलब्धि पर भी अपनी पीठ थपथपाने के लिए पुलिस कंट्रोल रुम में कांफ्रेंस होती थी। पुलिस प्रेस ग्रुप में एक दिन पहले सूचना दी जाती थी। अगले दिन कंट्रोल रुम से कॉल किए जाते थे। इस मामले में साइबर सेल ने परिचितों को सूचना व विज्ञप्ति देकर इतिश्री कर ली। जिससे इस मामले में वरिष्ठों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अनसुलझे सवालों के जवाब न देना पड़े।
वे सवाल – जिनके ना मिले जवाब:
क्या 2021-22 में कोई मोबाइल चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई ?
क्या सारे मोबाइल गुम ही होना पाया गया ?
56 मोबाइल कितने आरोपियों से बरामद किए ?
ये आरोपी कहां के रहने वाले हैं? क्या कोई पुराने रिकार्ड हैं ?
क्या वे खुद चलाते थे,जो उन्होंने किसी को बेचे नहीं
कितने लोगों को चोरी का सामान खरीदी में आरोपी बनाया ?
पुलिस के दावे में विरोधाभास:
25 अगस्त को सिराली पुलिस ने 12 मोबाइल बेचने के लिए ग्राहकों के इंतजार में पेट्रोल पंप के पास खड़े दो युवकों को पकड़ने का प्रेस नोट भेजा। पुलिस ने ये मोबाइल सूने घर व ट्रैन से चुराने का लिखित दावा किया। आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया। पुलिस ने यह पूछना भी जरुरी नहीं समझा कि वे मोबाइल चोरी कब से कर रहे हैं? रैकी कौन करता है? अब तक कितने मोबाइल किन्हें बेचे? 56 मोबाइल कितने चोरों से जब्त किए? इसमें कितने मोबाइल उन लोगों से बरामद किए,जो खरीदे जा चुके थे। उन्हें आईपीसी की धारा 411 का आरोपी क्यों नहीं बनाया। ऐसे कई अनसुलझे सवाल हैं,जिनके पुलिस के पास जवाब नहीं है।
पूछताछ में क्या खुलासे हुए ? इसमें चोरी के कितने हैं ? इन सवालों के कोई जवाब नहीं थे।
इनका कहना है –
प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी तक बरामद सारे मोबाइल गुम हुए थे। पुलिस के आवेदन मिले थे। 2021-22 में कुल कितने मोबाइल गुमने के आवेदन आए,कितने आरोपियों से बरामद हुए यह जानकारी लेकर बताता हूं।