5G network : इंटरनेट इन दिनों हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। आज से भारत में 5G network की भी शुरुआत हो चुकी है। भारत सहित दुनिया के कई देशों में अब 5G network सुविधा लॉन्च हो चुकी है, लेकिन साथ ही इसका विरोध भी हो रहा है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत में 5G सेवा शुरू होने के बाद डाटा नेटवर्क स्पीड 2 से 20 जीबी प्रति सेकेंड तक होने की उम्मीद है। अभी दुनिया के 34 देशों के 378 शहरों में ही 5G network उपलब्ध है। लेकिन साथ ही 5G network को लेकर फायदों के साथ ही कई हानिकारक प्रभाव की भी बात की जा रही है और इसी कारण भारत सहित दुनिया के कई देशों में इसका विरोध हो रहा है।
फिलहाल दुनिया के 34 देशों के 378 शहरों में 5G network सेवा उपलब्ध है। साथ ही दुनियाभर में 5G नेटवर्क तेजी से पांव पसार रहा है और साल 2025 तक 60 फीसद मोबाइल यूजर्स इससे जुड़ सकते हैं।
5G network से इंटरनेट की रफ्तार 20 से 100 गुना तेज (1000mbps तक) हो जाएगी। 5G network से डाटा अपलोड और डाउनलोड का काम तेज होने से कई तरह की सुविधाएं तेजी से मिलने लगेगी। अभी जो फिल्म 5-10 मिनट में डाउनलोड होती है, वो चंद सेकेंड में डाउनलोड होगी। हाई क्वालिटी वीडियो के साथ साथ गेम का मजा बिना किसी रुकावट के साथ ले सकेंगे। अक्सर हम देखते हैं कि एक साथ कई यूजर्स जुड़ने पर भी इंटरनेट की रफ्तार कम हो जाती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। तेज रफ्तार 5G network से रोबोट, ड्रोन और ऑटोमैटिक वाहनों का संचालन आसान होगा।
इंटरनेट यूजर्स की निजता के लिए खतरा हो सकता है। टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन की रिपोर्ट है कि हैकर्स यूजर्स का डाटा ज्यादा तेजी और आसानी से हैक कर सकेंगे, जिससे ऑनलाइन फ्रॉड में तेजी आ सकती है। नीदरलैंड के हेग शहर में कुछ माह पहले 5G network टेस्टिंग के दौरान अचानक 297 पक्षियों की मौत हो गई थी, इसलिए इससे लोगों में स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें भी आ सकती है। 5G network के लिए ज्यादा बैंडविथ की आवश्यकता होती है, जिसके लिए कई मोबाइल टावर लगाने होंगे। मोबाइल टॉवर्स से रेडिएशन का खतरा पैदा होता है, इस कारण ही भारत सहित दुनिया के कई देशों में 5G network का विरोध हो रहा है। WHO के अनुसार 5G network के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ता है, हालांकि स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान नहीं है।