सनफ्लॉवर स्कूल में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ : परीक्षा के 4 दिन पूर्व तक 5 बच्चों का cbsc रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ, abvp ने दिया धरना ! स्कूल प्रबंधन टीम भोपाल रवाना
मकड़ाई समाचार हरदा। सनफ्लॉवर स्कूल प्रबंधन द्वारा सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 5 बच्चों के रजिस्ट्रेशन न होने की सूचना मिलने से पालक हक्के बक्के रह गए। बच्चों को तनाव में देख कुछ पालकों ने यह बात अभाविप अधिकारियों को बताई। आज शनिवार को जब अभाविप कार्यकर्ता सनफ्लॉवर स्कूल के नए प्राचार्य से मिलने गए। उन्होंने कहा कि पुराने प्रिंसिपल के समय का फीस का मामला है। आप उनसे बात करिए। इस पर कार्यकर्ता बिफर गए। उन्होंने स्कूल प्रांगण में धरना देकर नारेबाजी की।
खबर लिखने तक सनफ्लॉवर की एक टीम भोपाल रवाना हुई है। जो रजिस्ट्रेशन होना सुनिश्चित कर पालकों को 3 घंटे बाद बताएंगे। इधर पालकों ने कहा है कि काम नहीं होने पर सोमवार को हम आगे की कार्रवाई करेंगे। पालकों के मुताबिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसे स्कूल की त्रुटि बताते हुए इस मसले को हल करने हेतु स्कूल प्रबंधन को चेताया है।
जनचर्चा में पुराने प्रिंसिपल द्वारा कार्यकाल के दौरान शहर भर में उधार रुपये मांगे जाने की जमके चर्चा है। किसने कितने दिए ? किसके कितने डूबे ? किसको वापस मिले? उधारीलाल की इस उलाल कथा की कानाफूसी अभी भी जारी है। चर्चा इस बात की भी है कि स्कूल के धुरंधर प्रबंधन का उधारीलाल प्रकरण में अनभिज्ञ रहना और ठंडा ठंडा, कूल कूल रहना लोगों को हजम नहीं हो रहा है।
कर्ज लेकर फीस के रूपए प्रिंसिपल को दिए –
दो पालकों ने 20 -20 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन हेतु प्रिंसिपल मनोज लुकोस को देने की बात कही। उन्होंने 3000-3000 की रसीद मिलने की बात कही। बाकी राशि प्रिंसिपल द्वारा व्यक्तिगत रूप से जाने, वहां काम करवाने का आदि अन्य व्यय पालकों को बताया गया।
20 हजार की राशि को लेकर रेलवां के महेश गौर ने कहा कि प्रिंसिपल लुकोस आमने-सामने बोल दें कि पैसे नहीं लिए। फिर हम बताएंगे। एक पालक महेश गौर रेलवां ने बताया कि मैंने स्कूल में ही 20 हजार कर्ज लेकर, प्रिंसिपल को दिए। सनफ्लॉवर में महेश गौर का बेटा रोनित गौर अध्ययनरत है।
एक अन्य पालक जमनाप्रसाद गौर भी इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने भी 20 हजार की राशि दी। उनका पुत्र निखिल गौर दसवीं में अध्ययनरत है।
महेश गौर ने बताया कि उनका बेटा इस स्कूल में पढ़ रहा है। हाजिरी रजिस्टर देख लीजिए। छह माही परीक्षा भी हुई। उसको बार-बार फीस के लिए भी कहा जा रहा है। इस आधार पर हम निश्चिंत रहे कि बच्चे का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। अब परीक्षा के 4 दिन पहले प्रबंधन कहता कि आपका रजिस्ट्रेशन नहीं है। गौर बन्धु कहते हैं कि अचानक यह जानके हम हतप्रभ रह गए। बताइए हम क्या करें। महेश गौर इस मामले की कलेक्टर को शिकायत करने की बात कह रहे थे।