ब्रेकिंग
Aaj ka rashifal: आज दिनांक 23 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हंडिया : भारतीय सेना के शौर्य और वीरता के सम्मान में निकाली गई तिरंगा यात्रा, हंडिया : सिनर्जी संस्थान के तत्वावधान में आयोजित की गई स्टेकहोल्डर बैठक: युवाओं ने रखे अपने विचार सिराली: आदिवासी किसान ने अनाज व्यापारी पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, मंडी सचिव से की शिकायत, जाने गेहूं... शूटिंग सिखाने के बहाने मोहसिन हिन्दू लड़कियों से करता था गंदी हरकत: पुलिस को मोहसिन के मोबाइल में मि... Big breaking news: टिमरनी: करताना पुलिस ने पांच रेत माफियाओं को गिरफ्तार किया, भेजा जेल, दो ट्रेक्टर... मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और करोड़ों के कार्यों का भूमिपूजन किया: सिव... भारत के वीर सैनिकों के सम्मान में निकली तिरंगा यात्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हुए शामिल पत्नि की बेवफाई से दुखी पति ने खाया जहर:  जिम जाने के बहाने मकसूद खान से मिलती थी। मौसम बदलाव के साथ मंडी में अनाज भाव पर किसान की नज़र!  जानिए आज 22 मई 2025 मंडी मे अनाज के भाव

क्या मैरिटल रेप को भी माना जाएगा अपराध, दिल्ली हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

Marital Rape : मैरिटल रेप (पत्नी की इच्छा के खिलाफ शारीरिक संबंध) मामले में दिल्ली हाई कोर्ट आज अहम फैसला सुनाएगा। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मैरिटल रेप को भी अपराध की श्रेणी में रखा जाए या नहीं? इस मामले में याचिकाएं दायर करते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दुष्कर्म कानून को चुनौती दी गई है।आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के अपवाद-2 में पुरुष द्वारा अपनी पत्नी, जिसकी उम्र 15 वर्ष से कम नहीं है, के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध को दुष्कर्म के रूप में नहीं माना जाता है। सरल शब्दों में धारा 375 का अपवाद 2 वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी से बाहर करता है या यह आदेश देता है कि विवाह में पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध बनाना बलात्कार नहीं है।

2015 से चल रहा केस, अब फैसला संभव

- Install Android App -

जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ शादी में जबरन शारीरिक संबंध या वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने की मांग वाली चार याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी। 2015 में आरआईटी फाउंडेशन द्वारा चार याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें ऑल इंडिया डेमोरैक्टिक विमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए), मैरिटल रेप का शिकार हुईं खुशबू सैफी और अपनी पत्नी पर रेप के आरोप लगाने वाले पुरुष की याचिका शामिल थी। पुरुष अधिकार संगठनों द्वारा कम से कम तीन याचिकाएं भी दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न आधारों पर वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण के खिलाफ दायर की गई हैं, जिसमें झूठे मामले, दुरुपयोग की संभावना और वैवाहिक संबंधों और परिवार को नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं।

आरआईटी फाउंडेशन के मामले में सुनवाई 2015 में शुरू हुई। तब दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। 2016 में केंद्र ने एक हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया था कि मैरिटल रेप (#MaritalRape) को अपराध नहीं बनाया जा सकता क्योंकि इसका भारतीय समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आरआईटी फाउंडेशन के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने गरिमा के अधिकार के उल्लंघन को उठाया था। मामला तीन साल से अधिक समय तक स्थगित रहा और आखिरकार दिसंबर 2021 में सुनवाई फिर से शुरू हुई।