ब्रेकिंग
नर्मदा नदी :  कारो से भरा कंटेनर नर्मदा में जा गिरा, कंटेनर ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान!  हरदा: 100 वर्ष की उम्र में हुआ राजू देवी गौर का निधन Sirali: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 6 साल की मासूम बालिका के साथ आदतन बदमाश ने किया दुष्कर्म, बालिका... मूंग खरीदी की मांग: किसान आक्रोश मोर्चा ने दिखाया अपना आक्रोश, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की अर्थी नि... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं Big breaking news: छिपाबड़ थाना क्षेत्र के एक गांव में युवक की संदिग्ध लाश मिली, गले में चोट के निशान... हंडिया: खोट पर ली हुई जमीन पर पड़ोसी किसान कर रहा जबरजस्ती कब्जा, दे रहा जान से मारने की धमकी, पीड़ि... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 10 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे इंदौर में नकली फोन पे एप से लाखो की ठगी! दुकानदार पैट्रोल पम्प कर्मचारियो से ठगी करने वाले गिरोह का ... हरदा: खेतों में नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करें व अर्थदण्ड लगाएं

1020 टन यूरिया यहां-वहां, कंपनी के प्रतिनिधि ने सरकारी केंद्रों का यूरिया कहीं और उतरवाया

मकड़ाई समाचार जबलपुर। जबलपुर से मंडला-डिंडौरी-दमोह और सिवनी जिले के कोटे का यूरिया संबंधित डबल लाक केंद्रों तक नहीं पहुंच पाने के मामले में सख्त कार्रवाई की तैयारी है। प्रशासन की ओर से कराई गई जांच में साफ हो गया है कि कंपनी के प्रतिनिधि ने शासकीय केंद्रों का यूरिया कहीं और उतरवा दिया। इस सिलसिले संभागीय आयुक्त बी. चंद्रशेखर के माध्यम से अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा जा रहा है।

मामला कुछ इस तरह से रहा कि 25 अगस्त को जबलपुर के कछपुरा मालगोदाम पर यूरिया का रैक खाली हुआ। यहां से यूरिया आस-पास के जिलों को भेजा गया था। लेकिन जबलपुर सहित मंडला-डिंडौरी-दमोह और सिवनी जिले के अनेक डबल लाक केंद्रों पर यूरिया की खेप नहीं पहुंच पाई है। जिन स्थानों पर यूरिया नहीं पहुंचा, वहां के जिम्मेदारों ने पहले तो कुछ दिन इंतजार किया, इसके बाद इसकी सूचना कृषि और मार्कफेड के अफसरों को दी। इसके बाद मामले का राजफाश हुआ।

जांच के बनाई गई कमेटी

कृषि विभाग के संयुक्त संचालक केएस नेताम का कहना है कि संबंधित जिलों के उप-संचालक कृषि को इस बात का पता लगाने के लिए निर्देशित किया गया। जबलपुर सहित मंडला-डिंडौरी और सिवनी जिले में विपणन और कृषि विभाग के अफसरों की जांच टीमें बनाई गईं। जांच कमेटी का अध्यक्ष संबंधित जिले के डीएमओ को बनाया गया। इन टीमों ने दो दिन की जांच के बाद रिपोर्ट संभागीय आयुक्त बी. चंद्रशेखर को सौंप दी।

ये है सप्लाई का फार्मूला

नियमों के अनुसार जितनी भी कंपनियां यूरिया बनाती हैं, उनको 70 प्रतिशत यूरिया डबल लाक सेंटरों को पहुंचाना होता है। शेष 30 प्रतिशत हिस्सा कंपनी प्रायवेट दुकानदारों को सप्लाई करती है। रैक लगवाने, खाली करवाने से लेकर डबल लाक केंद्रों तक पहुंचाने तक का जिम्मा फर्टीलाइजर कंपनी का ही होता है। कंपनी अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से यह काम करवाती है। इसके लिए बकायदा एक ट्रांसपोर्टर तय किया जाता है। कंपनी के प्रतिनिधि को केवल सप्लाई आर्डर मार्कफेड के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।

राज्य शासन को भेजा पत्र

पांच जिलों के लिए 1853 मीट्रिक टन यूरिया भेजे जाने का सप्लाई लैटर कृभको कंपनी के प्रतिनिधि को सौंपा गया था, लेकिन उसकी ओर से केवल 833 मीट्रिक टन ही संबंधित जिलों को सप्लाई किया गया। शेष यूरिया का हिसाब कंपनी प्रतिनिधि नहीं दे पाया, इसलिए कंपनी पर कार्रवाई के लिए संभागीय आयुक्त के माध्यम से राज्य शासन को पत्र भेज दिया गया है। -केएस नेताम, संयुक्त संचालक कृषि

- Install Android App -

कहां कितना जाना था कितना पहुंचा

जिला एलाटमेंट पहुंचा अंतर

जबलपुर 853 728 125

मंडला 300 77 223

डिंडौरी 400 28 372

दमोह 200 00 200

सिवनी 100 00 100

महायोग – 1853 833 1020