ब्रेकिंग
नर्मदा नदी :  कारो से भरा कंटेनर नर्मदा में जा गिरा, कंटेनर ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान!  हरदा: 100 वर्ष की उम्र में हुआ राजू देवी गौर का निधन Sirali: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 6 साल की मासूम बालिका के साथ आदतन बदमाश ने किया दुष्कर्म, बालिका... मूंग खरीदी की मांग: किसान आक्रोश मोर्चा ने दिखाया अपना आक्रोश, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की अर्थी नि... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं Big breaking news: छिपाबड़ थाना क्षेत्र के एक गांव में युवक की संदिग्ध लाश मिली, गले में चोट के निशान... हंडिया: खोट पर ली हुई जमीन पर पड़ोसी किसान कर रहा जबरजस्ती कब्जा, दे रहा जान से मारने की धमकी, पीड़ि... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 10 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे इंदौर में नकली फोन पे एप से लाखो की ठगी! दुकानदार पैट्रोल पम्प कर्मचारियो से ठगी करने वाले गिरोह का ... हरदा: खेतों में नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करें व अर्थदण्ड लगाएं

न स्कूल भवन न अध्‍यापक, पनया गांव के 28 बच्चों को टपरे में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक

मकड़ाई समाचार अशोकनगर। बामौरा ग्राम पंचायत के तहत आने वाले पनया गांव में सरकार ने प्राथमिक स्कूल को बना दिया, लेकिन उसमें न तो शिक्षक हैं और न ही गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए शाला भवन। ऐसे में बच्चों के भविष्य को देखते हुए ग्रामीणों ने टपरा बना कर उसी में पढ़ाई की व्यवस्‍था की है। 20 साल पहले स्कूल के लिए भवन बनाया तो थी, लेकिन आज तक उसमें पढ़ाई नहीं हो सकी। अब पनया गांव के 28 बच्चें टपरेे में ही अपने भविष्य की नींव तैयार कर रहे हैं। ऐसे में यहां कोई शासकीय शिक्षक तक इस स्कूल में जाना पसंद नहीं करते हैं। इसलिए शिक्षा विभाग के रिकार्ड में यह यह शून्य शाला में दर्ज है। ऐसे में इस स्कूल में दो अतिथि शिक्षक ही इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। गांव में 20 साल पहले एक भवन बनाया था। जो अब जर्जर हो चुका है। जिस स्थान पर भवन बना था, उसे वन विभाग स्वयं का बता रहा है। कई जनप्रतिनिधि बदले, लेकिन इस गांव की समस्या का हल आज तक नहीं हो सका।

वर्षा काल में किसी भी ग्रामीण की दालान में लग जाता है स्कूल

टपरा में स्कूल आम मौसम में तो संचालित होता है लेकिन वर्षा काल में किसी भी ग्रामीण की दालान में बोर्ड और टाटपट्टी पहुंच जाती है और वहीं स्कूल संचालित होने लगता है। स्कूल के लिए एक अतिरिक्त कक्ष बनना था लेकिन वन विभाग के विवाद के चलते राशि लैप्स हो गई। गांव के अशोक कुश्वाह ने बताया कि स्कूल बनना एक सपने जैसे हो गया है। वहीं एक अन्य ग्रामीण प्रेम कुश्वाह पूरी व्यवस्था को लेकर खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि अब हमने तो विकास की पूरी उम्मीदें छोड़दी हैं।

- Install Android App -

पनया गांव में सड़क और स्कूल का कक्ष स्वीकृत कराया था। गांव के आसपास वन विभाग की जमीन है, जिसके चलते अब तक स्कूल भवन नहीं बन सका है। इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

– जजपाल सिंह जज्जी, विधायक, अशोकनगर

मेरी जानकारी में पहली बार यह मामला आया है। भवन को लेकर वन विभाग की क्या आपत्‍ति है, इसको दिखवाती हूं।

– आर उमा महेश्वरी, कलेक्टर, अशोकनगर।