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indore news : परीक्षा देने के लिए केंद्र पहुंचे विद्यार्थियों को लौटाना कालेज को भारी पड़ा, विवि. ने ठोेंका 20 हजार रुपये जुर्माना

परीक्षा देने के लिए केंद्र पहुंचे विद्यार्थियों को लौटाना कालेज को भारी पड़ा गया है। शिकायत होने के बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय  ने केंद्र को नोटिस थमाया था। मगर प्रबंधन के जवाब से असंतुष्ट विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कालेज पर कार्रवाई कर दी है। मामले में कालेज पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर | मामला अटल बिहारी वाजपेयी गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कामर्स कालेज (एबीवीजीएसीसी) से जुड़ा है, जहां विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का केंद्र बना रखा है। 15 जून को बीए प्रथम वर्ष के कुछ विद्यार्थियों का संस्कृत विषय का पेपर था। छात्र-छात्राएं निर्धारित समय पर परीक्षा देने पहुंचे। मगर कालेज ने विद्यार्थियों को पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से रोका। जब विद्यार्थियों ने टाइम टेबल दिखाया तभी केंद्र के जिम्मेदार नहीं माने।

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यहां तक कि विद्यार्थियों ने संकायाध्यक्ष से भी बात करने की बात कही। बावजूद इसके विद्यार्थियों की बात नहीं सुनी और लौटा दिया। विद्यार्थियों ने पूरे मामले में विश्वविद्यालय को शिकायत की थी। उसके आधार पर कालेज को नोटिस दिया गया। इस दौरान प्रबंधन की तरफ से जवाब आया कि जून में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की हड़ताल थी। इस दौरान बार-बार परीक्षाओं का टाइम टेबल बदला जा रहा था। इस गफलत में कालेज को संस्कृत विषय का पता नहीं चला। कालेज के जवाब से विश्वविद्यालय को असंतुष्ट है। सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने पेपर को लेकर जानकारी जुटाई तो पता चला कि कालेज ने संस्कृत विषय का पेपर निर्धारित तारीख को ही नजदीकी थाने से प्राप्त किया था। ऐसे में लिफाफे पर भी विषय और तारीख का उल्लेख रहता है।

परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी ने कहा कि कालेज का जवाब आने के बाद विश्वविद्यालय ने कार्रवाई की है। 20 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाई है। वे बताते है कि कालेज की लापरवाही की वजह से विद्यार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा करवाई। इसके साथ ही पेपर भी वापस छापना पड़े।

प्रबंधन को राशि जमा करने के लिए पंद्रह दिन का समय दिया है। हालांकि विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा करवाई है, ताकि इन छात्र-छात्राओं का साल न बिगड़े।प्रबंधन को राशि जमा करने के लिए पंद्रह दिन का समय दिया है। हालांकि विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा करवाई है, ताकि इन छात्र-छात्राओं का साल न बिगड़े।