कोटवार का कसूर इतना था की सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने को कहा था। पेशाब भी पिलाई
भोपाल। राज धनी भोपाल में गुंडे बदमाशो की इतनी गुंडा गर्दी की ये खुलेआम मारपीट जान से मरने की कोशिश करते है। इनको कानून का जरा सा भी डर नहीं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहा गांव का रक्षक कहे जाने वाले ग्राम कोटवार के साथ सरपंच पति ने जमकर मारपीट की ओर उसके हाथ पैर फैक्चर हो गए। कोटवार का कसूर सिर्फ इतना था की उसने सरपंच पति को सरकारी जमीन पर कब्जा करने को रोका था। ग्राम कोटवार का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार सरपंच पति ने अपने साथियों के साथ मिलकर कोटवार को लात-घूंसों से जमकर पीटा। उस पर पेशाब भी की। पीड़ित ने आरोपियों को सरकारी जमीन पर कब्जा करने से रोका था। इससे नाराज सरपंच पति और उसके साथी उसे कार में अगवा कर ले गए। फिर एक कमरे में बंद कर उसके साथ मारपीट की।
घटना 10 सितंबर को बिलखिरिया मंडल की एक ग्राम पंचायत की है। मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने मारपीट तो की है, लेकिन पेशाब नहीं की।
पीड़ित कोटवार की जुबानी बताया- ‘मैं ग्राम पंचायत का कोटवार हूं। 9 सितंबर की रात पटवारी ने जमीन से जुड़ी सूचना दी थी। मैं 10 सितंबर दोपहर 1 बजे पहुंचा। यहां गांव के मस्तान मीणा और उसकी लेबर सरकारी जमीन पर फेंसिंग कर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। मैंने मना किया, तो उन्होंने गांव के सरपंच पति शेरू मीणा को बुला लिया। शेरू की पत्नी मोनिका मीणा सरपंच है। उसके साथ अभिषेक मीणा, तुषार मीणा व लेखराज मीणा भी थे।
शेरू आते ही गाली-गलौज करने लगा। मैंने कहा कि पटवारी साहब से बात कर लो। उन्होंने ही मुझे यहां भेजा है। यह सुनकर चारों ने मुझ पर लात-घूंसे बरसाना शुरू कर दिए। इस दौरान फेंसिंग करने वाला मस्तान मीणा व दीपक मैथिल और गांव का घनश्याम मीणा भी मौजूद थे।
मैं बेहोश होने लगा तो मेरे ऊपर पेशाब कर दी
पीड़ित ने बताया कि सरपंच पति ने मेरा हाथ रस्सी से बांधा और अपनी कार में पटक लिया। गाड़ी शेरू चला रहा था। उसके बगल में लेखराज बैठा था। पीछे की सीट पर मेरे दोनों तरफ अभिषेक मीणा व तुषार मीणा बैठे थे। वे मुझे लेकर नाले के पास लेकर पहुंचे। यहां मेरे साथ मारपीट करने लगे। जब मैं बेहोश होने लगा, तब शेरू ने मेरे ऊपर पेशाब कर दी, तभी भैय्यालाल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी।
इसके बाद मुझे सज्जू मियां जबरदस्ती कार में पटककर कर संजीव नगर स्थित शेरू के घर लेकर गए। गाड़ी सज्जू मियां चला रहा था। उसके बगल मे दीपांशु मीणा बैठा था। मेरे बगल में तुषार मीणा व परवेज खां बैठा था। वे चारों मुझे शेरू के घर के अंदर ले गए। यहां भी उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। मुझे कमरे मे बंद कर दिया। मैं बेहोश हो गया।
करीब 2-3 तीन घंटे बाद होश आया, तो वहां अशोक मीणा, राजू राजपूत बिलखिरिया मंडल अध्यक्ष, दीवान सिंह लोधी सरपंच मुगालिया, वीरू सेनी उर्फ अजय सरपंच देवलखेड़ी, सोदान सिंह मीणा, छगनलाल महाराज मुगालिया और मोहन मीणा आए। उन्होंने आरोपियों को समझाया और मुझे लीलावती अस्पताल लेकर आए, लेकिन मैंने इलाज नहीं करवाया, फिर विक्रम सिंह अहिरवार, राजेश अहिरवार, गनेश अहिरवार थाने लेकर आ गए। मैंने इसकी शिकायत की।
देहात एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि पेशाब करने जैसी घटना नहीं हुई है। आरोपियों ने सिर्फ मारपीट की है। 7 में से 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इन आरोपियों पर मारपीट की धाराओं के अलावा SC-ST एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
खबर स्त्रोत्र@प्रखर न्यूज