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उज्जैन: ऐसी शिव भक्ति को देख हैरान हुये लोग, शिव को प्रसन्न करने रौनक गुर्जर ने किया रक्ताभिषेक!

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 उज्जैन। भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है जो थोड़े से पूजन से प्रसन्न हो जाते अगर कोई पूजन सामग्री नही तो सिर्फ एक लोटा जल ही बहुत है।

सावन मे तो हर दिन भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए जल, दुध,दही, घी, गन्ने का रस फलों के रस से अभिषेक करता है तो कोई जल और कोई पंचामृत पूजन करता है, मगर धार्मिक नगरी उज्जैन में भक्त ने भगवान का रक्त अभिषेक किया. भक्त का कहना है कि वह रामायण का पाठ करता है और जिस प्रकार से रावण ने अपना शीश भगवान शिव को अर्पित कर दिया था, उसी तरह वह रक्त से अभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहता है।।

उज्जैन के ढांचा भवन इलाके में रहने वाले रौनक गुर्जर ने बताया कि रामायण में उन्होंने रावण के शीश चढ़ाने के घटनाक्रम से प्रभावित होकर भगवान शिव को सावन के महीने में रक्त अभिषेक करने का मन बनाया और पंडित और पुरोहितों द्वारा मंत्र के साथ उन्होंने भगवान को रक्त अभिषेक किया।जिसका विडियो वायरल हो रहा वीडियो में रौनक गुर्जर का रक्तदान करने वाली नली के माध्यम से रक्त निकाला जा रहा है. यह वीडियो नगर के शिव मंदिर का बताया जा रहा है।

रक्ताभिषेक के सम्बंध महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने क्या कहा!

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महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु बताते हैं कि भगवान शिव को तो भावनाओं के भूखे है।उन्हें जल सबसे ज्यादा प्रिय है. यदि कोई भी श्रद्धालु जल और दूध का अभिषेक कर देता है तो भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। इस प्रकार से रक्त अभिषेक की सात्विक पूजा में कोई परंपरा नहीं है. भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में बड़ी संख्या में शिव भक्त है. सावन के महीने में शिव भक्त अलग-अलग प्रकार से भगवान शिव की आराधना करते हैं,  मगर रक्ताभिषेक का कोई उल्लेख शिव ग्रंथ में नहीं मिलता है।

मां के लिए शरीर के चमड़े की चप्पल

शिव भक्त रोनक गुर्जर ने कुछ ही महीना पहले अपनी मां को अपने शरीर के चमड़े से तैयार की गई चप्पल को पहनाया था. उस दौरान भी रौनक ने बताया था कि रामायण की चौपाई से मिली थी प्रेरणा ।