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नंद घर आनंद भयो,जय हो नंदलाल की” गीत गाकर श्रद्धालुओं ने मनाया श्री कृष्ण जन्मोत्सव ! भागवत कथा में कल होगा गोवर्धन पूजा,अन्नकूट उत्सव

हरदा – भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात को 12 बजे मथुरा के कारागार में माता देवकी एवं पिता वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ।इस दौरान कारागार के द्वार खुल गए।उसी समय गोकुल के निवासी नंद की पत्नी यशोदा ने भी एक कन्या को जन्म दिया।कृष्ण जन्म के समय दिव्य प्रकाश हुआ,भगवान ने अपने विराट रूप के दर्शन कराकर वासुदेव को बालक कृष्ण को नन्द ग्राम ले जाने का निर्देश दिया।भगवान का जन्म पृथ्वी पर बढ़ रहे पापाचार को खत्म कर धर्म की स्थापना करना था।

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यह बात नार्मदीय ब्राह्मण समाज द्वारा चल रही भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को आचार्य नारायण साकल्ले ने कही।उन्होंने कहा कि भगवान का जन्म मानव जाति के कल्याणार्थ हुआ है।भगवान कृष्ण के जन्म के समय व्यासपीठ से गाये गए भजन “नंद घर आनंद भयो,जय हो नंदलाल की” गीत पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया,वही एक दूसरे को कृष्ण जन्म की बधाइयां दी ।श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण को पालने में झुलाया।कृष्ण जन्म के पहले भक्त प्रहलाद की कथा,नरसिंह अवतार,हिरण्यकश्यप वध की कथा हुई।वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम राम जन्म की कथा की गई।राम जन्म के समय भए प्रकट कृपाला, दीनदयाला स्तुति पर वातावरण भक्तिमय हो गया।

कथावाचक द्वारा गाये “जन्मे है आज रघुरैया अवध में,बाजे बधाइयां” गया,श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के नारे लगाए।आयोजक दीपक शुक्ला ने बताया कि भागवत कथा रोजाना 1 बजे से शुरू होगी,कथा का समापन 13 नवंबर को होगा।उन्होंने श्रद्धालुओं से कथा में उपस्थित होने का आग्रह किया है।