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Gold Price: सोने और चांदी की कीमत में आई भारी गिरावट, 2 महीने के निचले स्तर पर पहुंचे रेट

Gold Price: नवंबर में सोने की कीमतों में तकरीबन 5% की गिरावट आई है। वहीं, चांदी भी पिछले दो महीने की तेजी के बाद नवंबर में करीब 5% लुढ़क चुकी है। इस गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। आइए जानते हैं, आखिर क्यों कम हो रही हैं सोने और चांदी की कीमतें और क्या आगे भी ऐसी गिरावट जारी रहेगी।

सोने-चांदी पर दबाव के कारण

हाल के हफ्तों में सोने और चांदी पर दबाव का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में आई मजबूती है। डॉलर इंडेक्स ने नवंबर 2022 के बाद से उच्चतम स्तर छू लिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की कीमतें प्रभावित हुई हैं। इसके साथ ही, अमेरिका में महंगाई के आंकड़े भी सोने-चांदी पर दबाव बना रहे हैं। अनुमान है कि अक्टूबर में महंगाई दर 2.6% पर रही होगी।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दर में कटौती की संभावनाएं भी अब कम हो रही हैं। जहां पिछले सप्ताह 80% निवेशक दर में 0.25% कटौती की उम्मीद कर रहे थे, वहीं अब केवल 60% लोग ही इस कटौती की उम्मीद जता रहे हैं।

कहां तक गिर सकती हैं कीमतें

आईबीजेए के सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता के अनुसार, अमेरिका में आगामी चुनावों और ट्रंप की संभावित जीत की वजह से भी सोने-चांदी की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। सोने के लिए घरेलू बाजार में 73800 रुपये का मजबूत सपोर्ट स्तर माना जा रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2565 डॉलर पर इसका समर्थन है। मेहता का मानना है कि किसी भी कमोडिटी में जब तेजी होती है, तो करेक्शन आना स्वाभाविक है और वर्तमान में यही हो रहा है।

हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोने की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस साल की शुरुआत में सोने में तेजी के चलते वर्ष 2024 में सोने की कुल मांग में लगभग 8% की वृद्धि हो सकती है।

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क्या करें सोने-चांदी में खरीदारी?

विशेषज्ञ अनुज गुप्ता के अनुसार, वर्तमान में सोने की कीमतों में गिरावट के बावजूद निवेशक इसके प्रति सकारात्मक नजरिया रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंट्राडे ट्रेडिंग के नजरिए से सोने में खरीदारी का अवसर बनाया जा सकता है। उनकी सलाह है कि निवेशक 74650 रुपये का स्टॉपलॉस रखते हुए सोने में खरीदारी कर सकते हैं, और आने वाले दिनों में सोने के भाव 75700 रुपये तक पहुंचने का लक्ष्य दिखा सकते हैं।

चांदी में भी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिहाज से एक रिलीफ रैली देखने को मिल सकती है। 89950 रुपये के स्तर पर चांदी में भी निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका हो सकता है।

भविष्य का अनुमान

आने वाले समय में महंगाई के आंकड़े, डॉलर की स्थिति, और अमेरिका के चुनावी माहौल के आधार पर सोने-चांदी की कीमतों में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अगर डॉलर मजबूत होता है, तो सोने में गिरावट जारी रह सकती है। दूसरी ओर, दीर्घकालिक निवेशक अब भी सोने-चांदी में निवेश को सुरक्षित विकल्प मान सकते हैं।

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