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निजी अस्पताल कोरोना इलाज की फीस बताएं- दिल्ली सरकार, सोशल मीडिया में चली थी यह बात

दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के इलाज को लेकर वसूली जा रही फीस पर लगाम कसी जा सकती है। दिल्ली के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अगली बैठक में मंगलवार को इस विषय पर चर्चा की जानी है। दरअसल, सोशल मीडिया पर यह बातें फैल रही हैं कि दिल्ली में कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पताल मनमाने पैसे वसूल रही है। इसके बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा था कि सरकार ने दिल्ली भर के सभी निजी अस्पतालों से कोरोना के इलाज के लिए ली जा रही फीस की जानकारी मांगी है। इसकी समीक्षा करने के बाद तय किया जाएगा कि आगे क्या करना है।

मंगलवार को होने वाली डीडीएमए की बैठक के एजेंडे में कहा गया है कि “निजी अस्पतालों द्वारा इलाज के लिए मूल्य निर्धारण तय करना, क्योंकि उनमें से कुछ अत्यधिक कीमत वसूल रहे हैं और इलाज के लिए बहुत अधिक एडवांस की मांग कर रहे हैं।” इसके अलावा बैठक में निजी एम्बुलेंस सेवाओं के ज्यादा पैसे लेने के आरोपों पर भी चर्चा होगी।

बताते चलें कि उत्तरी दिल्ली का सरोज अस्पताल उस वक्त चर्चा में आ गया, जब सोशल मीडिया में यह बात चली कि हर Covid-19 के रोगी के इलाज के लिए न्यूनतम 3 लाख रुपए की मांग की जा रही है। अस्पताल के आंतरिक संचार के सोशल मीडिया में लीक होने के बाद यह खबर सुर्खियों में आ गई। इसके बाद अस्पताल ने बयान जारी कर कहा कि यह हमारे संज्ञान में लाया गया है कि सरोज सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में Covid-19 रोगियों के इलाज की फीस का एक पुराना सर्कुलर सोशल मीडिया में शेयर हो रहा है। हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि उक्त सर्कुलर में उल्लेखित आरोपों के अनुसार किसी भी कोरोना के रोगी से उसमें स्वीकृत राशि लेने या इतना बिल लिए जाने की बात से इनकार करते हैं।

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इसी तरह, मैक्स अस्पताल का रेट कार्ड शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें कई यूजर्स ने ध्यान दिया कि एक आम आदमी के लिए इतनी फीस चुकाना बहुत अधिक था। कार्ड में लिखे गए इलाज के खर्चे से पता चला कि अस्पताल वेंटिलेटर सुविधा के साथ आईसीयू के लिए 72,000 रुपये का शुल्क ले रही थी। इस पर मैक्स हेल्थकेयर ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा कि वायरल रेट कार्ड में “नियमित परीक्षण, नियमित दवाओं, डॉक्टर और नर्स शुल्क के समावेश जैसे सभी तथ्य” शामिल नहीं किए गए थे।

दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार, शहर में शनिवार तक Covid-19 रोगियों के इलाज के 97 निजी अस्पताल उपलब्ध हैं। सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए शहर भर के 50 बिस्तरों या अधिक से अधिक की क्षमता वाले 117 अस्पतालों को 20 फीसदी बिस्तरों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था। इसके बाद से कुछ निजी अस्पतालों जैसे मूलचंद, फोर्टिस वसंत कुंज, और सर गंगा राम में 80 या 100 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित हो गए थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार को कहा कि सरकार को अभी इस बारे में फैसला करना है कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए कीमतें निर्धारित करने की जरूरत है या नहीं। सरकार ने चार जून को एक आदेश में कोरोना रोगियों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों को वार्ड और आइसोलेशन, वेंटीलेटर सपोर्ट, पीपीई किट, बायोप्सी, कोरोना टेस्ट, सीटी स्कैन, एमआरआई, आदि की कीमतों की एक सूची प्रदान करने के लिए कहा था।