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भोपाल और खंडवा ओबीसी महिला के लिए आरक्षित, महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया जारी

मकड़ाई समाचार भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और खंडवा में अगला महापौर अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महिला आरक्षित वर्ग से होगा। इसके अलावा मुरैना और उज्‍जैन अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। मुरैना अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। बुधवार को सुबह 11 बजे से भोपाल के रवींद्र भवन में प्रदेश के नगरीय निकायों में महापौर व अध्यक्ष पदों के आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है। मध्य प्रदेश में 407 नगरीय निकायों में महापौर व अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण होना है। इनमें 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 292 नगर परिषद हैं। नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। लिहाजा जल्द ही निकाय चुनावों के लिए तारीख का ऐलान होगा। यह चुनाव भी एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर ही कराए जाएंगे, ताकि तीन माह के अंदर ही चुनाव संबंधित सभी तैयारियां पूरी की जा सकें। इस संदर्भ में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने सूचना भी जारी की है। इसमें बताया गया है कि महापौर तथा अध्यक्ष के पद का आरक्षण नियम 1999 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

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बता दें कि वर्ष 1983 से 1999 तक महापौर का चुनाव पार्षद द्वारा किया जाता था। इसके बाद सरकार द्वारा फेरबदल किए गए और महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने लगा। 2018-19 में महापौर चुनाव को लेकर कमलनाथ सरकार ने फिर फेरबदल किए। वापस पार्षदों द्वारा ही चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया गया। वर्ष 1999-2000 में जनता के माध्यम से पहली बार चुन कर विभा पटेल महापौर बनी थीं। विभा के अलावा जनता द्वारा तीन अन्य महापौर चुने जा चुके हैं। इसमें सुनील सूद, कृष्णा गौर और वर्तमान महापौर आलोक शर्मा हैं। इसमें जनता द्वारा दो कांग्रेस और दो भाजपा के मेयर रहे हैं।