ब्रेकिंग
नर्मदा नदी :  कारो से भरा कंटेनर नर्मदा में जा गिरा, कंटेनर ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान!  हरदा: 100 वर्ष की उम्र में हुआ राजू देवी गौर का निधन Sirali: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में 6 साल की मासूम बालिका के साथ आदतन बदमाश ने किया दुष्कर्म, बालिका... मूंग खरीदी की मांग: किसान आक्रोश मोर्चा ने दिखाया अपना आक्रोश, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की अर्थी नि... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं Big breaking news: छिपाबड़ थाना क्षेत्र के एक गांव में युवक की संदिग्ध लाश मिली, गले में चोट के निशान... हंडिया: खोट पर ली हुई जमीन पर पड़ोसी किसान कर रहा जबरजस्ती कब्जा, दे रहा जान से मारने की धमकी, पीड़ि... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 10 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे इंदौर में नकली फोन पे एप से लाखो की ठगी! दुकानदार पैट्रोल पम्प कर्मचारियो से ठगी करने वाले गिरोह का ... हरदा: खेतों में नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करें व अर्थदण्ड लगाएं

केपी शर्मा ओली ने ली फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ, 30 दिनों में हासिल करना होगा विश्वास मत

हाल ही में नेपाल (Nepal) की संसद में विश्वासमत गंवाने के बाद केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। सदन में सोमवार को ओली के विश्वास मत हार जाने के बाद राष्ट्रपति ने विपक्षी पार्टियों को गुरुवार रात तक बहुमत के साथ नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने का समय दिया था। लेकिन विपक्षी पार्टियां नई सरकार बनाने के लिए संसद में बहुमत हासिल करने में विफल रहीं। इसके बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने CPN-UML के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इस तरह केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने शुक्रवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले वो 11 अक्टूबर, 2015 से 3 अगस्त, 2016 तक और फिर 15 फरवरी, 2018 से 13 मई 2021 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।

- Install Android App -

बृहस्पतिवार तक, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को अगले प्रधानमंत्री के तौर पर सशक्त उम्मीदवार माना जा रहा था। उन्हें सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ का समर्थन भी हासिल था। लेकिन ओली के साथ अंतिम वक्त में बैठक करने के बाद माधव कुमार ने अपना रुख बदल लिया। इससे देउबा का अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना टूट गया।ओली को अब 30 दिन के भीतर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा, जिसमें विफल रहने पर संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के तहत सरकार बनाने का प्रयास शुरू किया जाएगा। वैसे, ओली की अध्यक्षता वाली सीपीएन-यूएमएल 121 सीटों के साथ 271 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन सरकार बनाने के लिए उन्हें 136 सदस्यों का समर्थन जुटाना होगा।