ब्रेकिंग
हरदा: स्वरोजगार योजनाओं में लक्ष्य अनुसार प्रकरण स्वीकृत कराएं   कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में दिए न... खिरकिया: सर्व सेन समाज के ब्लॉक अध्यक्ष राजेश वर्मा नियुक्त  हरदा: प्रायवेट डॉक्टर्स को जिला प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा खेती किसानी: महाविद्यालय में निर्मित जैविक केंचुआ खाद का निरामया ब्रांड नाम से लॉन्च हरदा नगर पालिका: भ्रष्टाचार का अड्डा, ईओडब्ल्यू तक पहुंचा मामला जांच शुरू , सीएमओ की कार्यप्रणाली पर... हरदा: खंडवा नर्मदापुरम जिले के 8 बदमाश रात के अंधेरे में बना रहे थे डकैती की योजना, मुखबिर की सूचना ... हरदा: PWD एसडीओ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सरपंच संघ, सचिव संघ और जयश का प्रदर्शन। देखे वीडियो PM Kisan Yojana Applying Process: पीएम किसान योजना में नए आवेदन हुए शुरू, ऐसे करे फार्म जमा मिलेंगे ... प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना: युवाओं के लिए टॉप कंपनियों में नौकरी करने का मौका यहां जाने जरूरी पात्... सोने और चांदी के आज के ताजा भाव: जानिए अपने शहर के रेट और खरीदने से पहले ज़रूरी बातें Gold Silver Ra...

Android एवं IOS के 167 फर्जी Apps से रहें सावधान, Cyber Researchers ने की पहचान

साइबर सुरक्षा से जुड़े शोधकर्ताओं ने एंडरायड और आइओएस में मौजूद 167 फर्जी ऐप की पहचान की है जिनके जरिये हैकर लोगों की रकम चुराते हैं। ये वैसे Apps हैं जिन्हें लोग किसी भरोसेमंद कंपनी का फाइनेंशियल ट्रेडिंग ऐप, बैंकिंग या क्रिप्टो करेंसी ऐप समझकर इंस्टॉल करते हैं। साइबर सिक्योरिटी फर्म सोफोस को जांच में पता चला है कि यह फर्जी ऐप असली ऐप से हूबहू मिलते-जुलते हैं।

कैसे होती है ठगी?

- Install Android App -

आम तौर पर हैकर्स लोगों को डेटिंग साइटों के जरिए फंसाते हैं और उन्हें अधिक पैसा बनाने का लालच देकर इन फर्जी ऐप को डाउनलोड करने की सलाह देते हैं। लेकिन ये पैसे चुराने वाले फर्जी ऐप होते हैं, जो बिल्कुल ब्रांडेड कंपनियों की साइट जैसे ही दिखते हैं। कुछ ऐप में कस्टमर सपोर्ट भी शामिल होता है। इसमें चैट करने का विकल्प भी होता है। जब शोधकर्ताओं ने कस्टमर सपोर्ट पर चैट के विकल्प को चुना तो तकरीबन उसी भाषा-शैली में बात की गई जैसे असली ऐप में होता है। शोधकर्ताओं ने एक ही सर्वर पर ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी के 167 ऐसे फर्जी ऐप की पहचान कर ली है। माना जा रहा है कि एक ही गिरोह इन सभी घोटालों को अंजाम दे रहा है।

क्या है इनका तरीका?

सोफोस में सीनियर थ्रेट रिसर्चर जगदीश चंद्रा ने बताया कि ये फर्जी Apps विश्व भर के प्रसिद्ध ऐप की नकल करके उन्हीं के तरह के कामकाज का नाटक करते हैं। फर्जी एप्लीकेशन के जरिये निजी स्तर पर जानकारियां जुटा ली जाती हैं। वह बार-बार फर्जी ऐप में रकम डालने या फिर क्रिप्टो करेंसी देने के लिए दबाव बनाते रहते हैं। अगर यूजर उस ऐप से बाद में रकम निकालना चाहे या फिर खाते को बंद करना चाहे तो हैकर उनके उस फर्जी ऐप से संपर्क को काट देते हैं। इसमें एक्सेस ब्लॉक करने के अलावा कई अन्य तरीके शामिल है। अन्य मामलों में भी फर्जी वेबसाइट के जरिये भरोसेमंद ब्रांड को लेने की सलाह दी जाती है। ये हैकर्स आइओएस के फर्जी ऐप स्टोर भी बना लेते हैं। यानी एक बार फंस गये, तो बचना मुश्किल होता है।