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सबरीमला मुद्दे पर RSS का यू टर्न, कहा- भक्तों की भावनाओं का नहीं रखा ख्याल

केरल के सबरीमला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने यू टर्न ले लिया है। वह श्रद्धालुओं की भावनाओं का ख्याल करते हुए धार्मिक गुरुओं और सामुदायिक नेताओं से चर्चा कर इस सम्बंध में न्यायिक विकल्पों पर विचार करेगी। आरएसएस ने  सभी संबंधित पक्षों से एक साथ आने तथा ‘‘न्यायिक विकल्प से भी’’ मसले का हल करने का आह्वान किया।

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SC के फैसले का होना चाहिए सम्मान
आरएसएस महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने एक बयान में कहा कि  उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबरीमाला देवस्थानम के संबंध में हालिया फैसले पर पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आयी हैं। हम भारत में श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न मंदिरों में अपनायी जा रही परंपराओं का सम्मान करते हैं और हमें माननीय उच्चतम न्यायालय का भी सम्मान करना होगा।

मंदिर से जुड़ी लाखों भक्तों की भावनाएं 
आरएसएस ने जोर दिया कि यह एक स्थानीय मंदिर परंपरा और विश्वास का मुद्दा है जिससे महिलाओं सहित लाखों भक्तों की भावनाएं जुड़ी हुयी हैं। उसने रेखांकित किया कि फैसले पर विचार करते हुए भक्तों की इन भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आरएसएस ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के राज्य सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।  जोशी ने कहा कि दुर्भाग्यवश, केरल सरकार ने भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखे बिना तत्काल प्रभाव से फैसले को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं।