मकड़ाई समाचार उत्तराखंड। उत्तराखंड में अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत इलाके में बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां करीब 24 साल पहले जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार परिवार वालों ने कर दिया था वह व्यक्ति अचानक से वापस लौट आया। इतने लंबे समय बाद अचानक लौटे शख्स को देखकर परिवार सहित पूरा गांव भी हैरान रह गया। दशकों से विधवा बनकर रह रही पत्नी की आँखों में भी आंसू आ गए।
दरअसल रानीखेत इलाके में रहने वाले 72 वर्षीय माधो सिंह मेहरा की उम्र जब 24 साल थी तब उनका पारिवारिक विवाद हो गया था। विवाद के चलते माधो सिंह मेहरा घर से चला गया। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक परिवार वालों ने करीब 10 साल तक उसका इंतजार किया लेकिन माधो घर वापस नहीं लौटा।
इस बीच माधव के परिवार ने उसे मरा समझकर पंडित से सलाह की। पंडित ने भी परिवार को माधव के अंतिम संस्कार करने की सलाह दे दी। इसके बाद माधो को मृत घोषित कर स्थानीय रीति अनुसार सभी अंतिम क्रियाकर्म पूरे किए गए। माधो की पत्नी ने भी उसे मरा समझकर विधवा का रूप धारण कर लिया।
शनिवार को इस हालत में मिला माधो
शनिवार को एक खेत में कुछ लोग पहुंचे तो वहां 72 वर्षीय एक बुजुर्ग फटे कपड़ों में पड़ा मिला। पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह इसी गांव का रहने वाला है और उसका नाम माधो है। गांव वाले उसे पालकी में बैठाकर उसके घर ले गए। परिवार को पहले तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन गौर से देखने के बाद उन्हें माधव की पहचान हुई।
अब दोबारा से होगा नामकरण
हैरानी की बात यह है कि परिवार ने माधो को घर में प्रवेश देने से इनकार कर दिया। घरवालों के अनुसार जब तक पुजारी दोबारा से माधव का नामकरण नहीं करेंगे तब तक उसे घर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। क्योंकि माधो का अंतिम संस्कार हो चुका है इसलिए उस नाम से वो घर नही आ सकता है। नामकरण संस्कार होने तक माधो के रहने के लिए घर के बाहर ही टेंट लगाया गया है।