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2 दिसंबर से और जहरीली होगी दिल्ली की हवा, रखें अपना ध्यान

नई दिल्ली: दिल्ली में खराब मौसम परिस्थितियों के चलते प्रदूषक तत्वों के छितराव की गति धीमी होने से वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है। साथ ही यह आशंका भी है कि रविवार को प्रदूषण के स्तर में ‘काफी गिरावट’ देखने को मिल सकती है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी पी सी बी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स सूचकांक (एक्यूआई) 353 दर्ज किया गया। शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 के स्तर को ‘अत्यंत खराब’ और 401 से 500 के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।

‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज हुए 20 क्षेत्रः

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  • सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली के सात इलाकों अशोक विहार, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका, रोहिणी,विवेक विहार और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ रही। वहीं, 20 क्षेत्रों में यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में एवं छह इलाकों में ‘खराब’ रही। इसमें कहा गया है कि पीएम 2.5 का स्तर 206 रहा।
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गाजियाबाद, फरीदाबाद और नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब’ रही।
  • गुडगांव में यह ‘खराब’ की श्रेणी में रही।

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार हवा की गति और वेंटीलेशन सूचकांक ‘अत्यधिक प्रतिकूल’ है जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव नहीं हो पा रहा। प्रदूषक कणों से मुक्ति पाने के लिए यह सूचकांक 6000 वर्ग मीटर प्रति सेंकड होना चाहिए। गुरुवार को यह सूचकांक 2500 वर्ग मीटर प्रति सेंकड पर रहा।

हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ है और इसमें हवा की गति तेज होने से सुधार देखने को मिल सकता है। यह हालांकि अगले दो दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। उत्तर में ठंड बढऩे से हवा की गति बढ़ गई है, इसलिए प्रदूषण के स्तर में गिरावट आ सकती है। हालांकि दो तीन दिन बाद इसकी वापसी (हवा की तेज गति) से दिल्ली में नमी प्रवेश कर सकती है जो हवा की गुणवत्ता के लिए अच्छा नहीं होगा। पराली को जलाने से होने वाला धुएं का प्रदूषण में योगदान शून्य है।राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को तापमान में गिरावट आने से प्रदूषकों के फंसे रहे जाने की आशंका के कारण हवा की गुणवत्ता काफी प्रभावित होगी।