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शादी समारोह में बेकाबू हुआ घोड़ा, तीन को कुचला, जिला अस्‍पताल में भर्ती

कोतवाली थाना अंतर्गत कंकाली माता मंदिर के समीप बारात लगने के उपरांत ही एक घोड़ा बेकाबू हो गया

मकड़ाई समाचार दमोह। शादी समारोह का आयोजन इन दिनों निरंतर जारी है। इसमें बारात के दौरान घोड़ा का उपयोग किया जाता है, लेकिन शादी समारोह में पटाखा, बंदूक की फायरिंग आदि से भी घोड़े बेकाबू हो जाते हैं। यही कारण है कि इसमें किसी भी प्रकार की बड़ी घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है। मंगलवार रात्रि दमोह शहर के कोतवाली थाना अंतर्गत कंकाली माता मंदिर के समीप बारात लगने के उपरांत ही एक घोड़ा के बेकाबू हो गया। इस कारण बाजू से गुजर रही 3 महिलाओं को उसने कुचल दिया। जिन्हें तत्काल ही जिला अस्पताल में लाया गया जहां पर उनका इलाज चल रहा है।

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बताया गया है कि मंगलवार की रात्रि बजरिया वार्ड 6 से न्य शहर दमयंती नगर के लिए कोई बारात जा रही थी कि उसी दौरान उस बारात के लिए घोड़ा जा रहा था लेकिन घोड़ा अचानक बेकाबू हो गया और बाजू से गुजर रही युवती पूजा एवं महिलाएं ममता रानी, अशोक रानी को घोड़ा द्वारा कुचल कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिन्हें तत्काल इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया। सबसे अच्छी बात यह रही थी घटना के दौरान घोड़े पर दूल्हा सवार नहीं था।

दमोह शहर में देखने में आ रहा है कि जो लोग घोड़े को पाले हुए तो है परंतु उनके बांधने और खिलाने पिलाने के लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई हैं। यही कारण है कि यह घोड़े शहर में आए दिन खुलेआम घूमते हुए नजर आते हैं। जिस कारण से पूर्व में भी इस प्रकार के हादसे घटित हो चुके हैं लेकिन नगरपालिका एवं पुलिस प्रशासन द्वारा इन घोड़ा मालिकों के विरुद्ध ना तो समझाइस की कार्यवाही और ना ही किसी भी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही की गई। जिस कारण से इन घोड़ा मालिकों के मंसूबे और भी अधिक बढ़ गए। यही कारण है कि शादी विवाह में उपयोग के दौरान ही इन घोड़ा मालिकों द्वारा घोड़ों को अपने पास रखा जाता है फिर उन्हें खुला हुआ आम जानवरों की भांति छोड़ दिया जाता है। जिस कारण से पुराने कंट्रोल रूम, कोतवाली, जेल, जबलपुर नाका, किल्लाई नाका आदि स्थानों पर इन घोड़ों को खुलेआम घूमते हुए देखा जा सकता है। प्रशासन को चाहिए कि इन घोड़ा मालिकों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करें जिससे किसी भी प्रकार का हादसा घटित होने से रोका जा सके।