मकड़ाई एक्सप्रेस 24 बैकुंठपुर : डीएमएफ के माध्यम से लोगों को पहली बार प्राकृतिक संसाधनों से समुचित लाभ हासिल करने की व्यवस्था बनी। प्रदेश की समृद्ध भूमि और पिछड़े गरीब लोगों के बीच के सेतु बना है,डीएमएफ। इसी डीएमफ की राशि में घोटाला हो रहा है कहीं न कहीं गरीबो के हक पर डाका डाला जा रहा है। कोरबा जिले में डीएमएफ घोटाले की जांच की आंच कोरिया जिले तक पहुंच गई है। शुक्रवार को DMF घोटाले की जांच को लेकर ईडी की टीम पहली बार कोरिया जिले के बैकुंठपुर पहुंची है। ईडी की टीम ने जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्झा के यहां छापेमारी की है।ज्ञात हो कि राधेश्याम मिर्झा बैकुंठपुर के जल संसाधन विभाग के विश्राम गृह में निवास कर रहे हैं।
शुक्रवार की सुबह ईडी के अधिकारी विश्राम गृह पहुंचे। उन्होंने जांच शुरू की है। राधेश्याम बैकुंठपुर जनपद पंचायत के सीईओ थे। इसके पहले वे कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक में पदस्थ थे। बताया जा रहा है कि पिछली कांग्रेस शासन में तीन वर्षों तक सीईओ के कार्यकाल में डीएमएफ में गड़बडी की शिकायत मिली थी। यह राज्य की सबसे बड़ी जनपद पंचायत है। जिसमें 146 ग्राम पंचायतें है। इन्ही के दौरान डीएमएफ पर कार्य हुआ था। लोगो का कहना है कि कांग्रेस के शासन काल में इनका काफी रौब था। इनके पर लक्जरी गाड़िया और संपत्तियां।छापामार कार्यवाही के बारे में अभी ईडी द्वारा कुछ भी नही बताया जा रहा है। प्रदेश में डीएमएफ घोटाले को लेकर बहुत चर्चा चल रही है।