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मोदी सरकार का बड़ा फैसला: 2028 तक गरीबों को मिलता रहेगा मुफ्त अनाज PM-GKAY

देश की गरीब जनता के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जो उनके जीवन में राहत लेकर आएगा। अब गरीबों को 2028 तक मुफ्त अनाज मिलता रहेगा। यह घोषणा हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा की गई, जहां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) को आगे बढ़ाने की मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत गरीब तबके के लोगों को दिसंबर 2028 तक मुफ्त अनाज मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार इस योजना को अगले चार सालों तक जारी रखेगी ताकि गरीबों को किसी प्रकार की खाद्य समस्या का सामना न करना पड़े।

अगले चार सालों तक मुफ्त अनाज का वितरण

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह योजना है क्या? दरअसल, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना 2020 में शुरू हुई थी, जब कोविड-19 महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है ताकि वे भोजन की कमी से न जूझें। अब, मोदी सरकार ने इस योजना को 2028 तक बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे लाखों परिवारों को राहत मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने इस योजना की बढ़ी हुई अवधि की घोषणा करते हुए बताया कि सरकार गरीबों के हितों को प्राथमिकता दे रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी परिवार भूखा न सोए।

सरकार उठाएगी योजना का पूरा खर्च

अब आप शायद यह सोच रहे होंगे कि इस योजना का खर्च कौन उठाएगा? तो आपको बता दें कि इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार खुद वहन करेगी। मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस योजना पर अगले चार सालों में 17,082 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है। इस योजना के तहत गरीबों को फोर्टिफाइड चावल दिया जाएगा, जिससे पोषण की कमी से होने वाली बीमारियों, खासकर एनीमिया जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी।

फोर्टिफाइड चावल: पोषण का खजाना

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आपने शायद “फोर्टिफाइड चावल” के बारे में पहले सुना हो। यह चावल साधारण चावल से अलग होता है क्योंकि इसमें आवश्यक पोषक तत्वों को मिलाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, विटामिन B12, और फोलिक एसिड जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। इस चावल के वितरण से गरीब जनता को न सिर्फ भूख से राहत मिलेगी, बल्कि उनके पोषण स्तर में भी सुधार आएगा।

सरकार का दावा है कि इस योजना के माध्यम से लाखों गरीब परिवारों को बेहतर पोषण मिलेगा और एनीमिया जैसी बीमारियों की समस्या में कमी आएगी।

अन्य योजनाओं पर भी सरकार की नजर

मुफ्त अनाज वितरण के अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के अन्य हिस्सों में भी विकास योजनाओं को हरी झंडी दी है। खासकर सीमावर्ती इलाकों में सड़क परियोजनाओं को मंजूरी मिली है, जिससे स्थानीय लोगों को यात्रा और व्यापार में सुविधा होगी। साथ ही, गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास की भी मंजूरी दी गई है।

इस परियोजना का उद्देश्य भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री विरासत परिसर बनाने की योजना है, जो भारत की समुद्री इतिहास और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा।

कुल मिलाकर, मोदी सरकार का यह फैसला देश की गरीब जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। 2028 तक मुफ्त अनाज मिलने से जहां गरीबों को भूख की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं फोर्टिफाइड चावल से उनके पोषण स्तर में भी सुधार होगा। सरकार की इस पहल से गरीब तबके के लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आने की उम्मीद है।

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