Blue Mosque: ब्लू मस्जिद के साथ जर्मनी में 53 अन्य संपत्तियों पर छापा मारा, देश में इस्लामवाद पर वर्षों में की गई सबसे अहम कार्रवाई
जर्मनी मे असमाजिक गतिविधियो मे संदेह के आधार पर बड़ी कार्यवाही की गई है। जिसमे इस्लामिक सेंटर और संगठन प्रतिबंध लगाया गया। इस सम्बंध मे मंत्रालय ने कहा कि वह हैम्बर्ग के इस्लामिक सेंटर और उसके जुड़े संगठनों पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा रहा है। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम ‘अधिनायकवादी शासन, आक्रामक यहूदी विरोधी भावना और आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह को समर्थन’ देने के लिए उठाया गया है। बर्लिन, फ्रैंकफर्ट और म्यूनिख में तीन अन्य मस्जिदों पर भी छापे मारे गए और उन्हें बंद कर दिया गया।
हम किसी धर्म के खिलाफ काम नहीं कर रहे हैं, मंत्रालय की ओर से आंतरिक मंत्री नैन्सी फैसर ने कहा, ICH जर्मनी में एक इस्लामवादी, अधिनायकवादी विचारधारा का प्रचार करता है, यह इस्लामवादी विचारधारा मानवीय गरिमा, महिलाओं के अधिकारों, स्वतंत्र न्यायपालिका और हमारे लोकतांत्रिक राज्य के विरुद्ध है।
मंत्री ने कहा, ‘यह स्पष्ट करना जरूरी है कि हम किसी धर्म के खिलाफ काम नहीं कर रहे हैं, हम इस्लामवादियों के बीच स्पष्ट रूप से अंतर करते हैं, जिनके खिलाफ हम कठोर कार्रवाई करते हैं, और उन कई मुसलमानों के बीच जो हमारे देश से हैं और अपने धर्म के अनुसार जीते हैं.’
क्या है ICH, क्यूँ हुई जांच –
रिपोर्ट के मुताबिक आईसीएच, ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया. हालांकि उसने पहले चरमपंथ के आरोपों से इनकार किया है। आईसीएच जर्मनी में सबसे प्रमुख शिया संगठनों में से एक है और जर्मनी में मुसलमानों की केंद्रीय परिषद का संस्थापक सदस्य है. हाल के वर्षों में यह ग्रुप जांच के दायरे में आ गया है. इस पर बैन लगाने की मांग में इजाफा हुआ है।
आईसीएच पर धार्मिक कट्टरता अपनाने के साथ बाहरी संगठन से संबंध के आरोप – रिपोर्ट के मुताबिक ब्लू मस्जिद पर 1993 से जर्मन घरेलू खुफिया एजेंसियां निगरानी रख रही है. 2017 में सुरक्षा अधिकारियों द्वारा औपचारिक रूप से इसे ईरानी शासन का ‘उपकरण’ घोषित किया गया था.
विगत वर्ष हुई थी जांच शुरु –
ICH के खिलाफ जांच पिछले नवंबर में शुरू हुई थी जब पुलिस ने ICH की संपत्तियों की तलाशी ली और सबूत जब्त किए. आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि खुफिया एजेंसियों और पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि संगठन ‘बेहद षड्यंत्रकारी’ था और जर्मनी में ‘इस्लामी क्रांति’ को बढ़ावा देने के लिए गुप्त रूप से ‘गहरहाई और मजबूती’ से काम कर रहा था और अपनी एक झूठी टोलरेंट इमेज बनाने की कोशिश कर रहा था।
ईरानी जर्मनी राजदूत को किया तलब –
जर्मनी के इस एक्शन के विरोध में ईरान के विदेश मंत्रालय ने तेहरान में जर्मन राजदूत को ‘शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की निंदा’ करने के लिए बुलाया। राजदूत को ‘ऐसी विनाशकारी कार्रवाइयों के परिणामों’ के बारे में चेतावनी दी गई। तेहरान ने कहा कि “यह इस्लामोफोबिया का एक स्पष्ट उदाहरण है। ईरान ने जर्मनी को बताया कि इस कदम से ‘धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है।