छोटे सरकार एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे खातेगांव. भक्तों के बीच धर्म, आध्यात्मिकता, संस्कार,संस्कृति को बचाने का दिया संदेश, भक्तों को सुनाया वेद पाठ
अनिल उपाध्याय देवास/MP
छोटे सरकार के नाम से विख्यात इंदौर छत्रीबाग आश्रम के ब्रह्मचारी संत दो दिवसीय दौरे पर खातेगांव,छिपानेर पहुंचे, जहां दादाजी धाम छिपानेर मैं रात्रि विश्राम कर दादाजी दरबार में हवन पूजन कर भक्तों से संवाद स्थापित किया, शनिवार खातेगांव के संदलपुर दादा जी आश्रम, मुकेश, विनोद सिसोदिया, पंडित लखन लाल गंगराड़े, अरुण शर्मा, के निज निवास पहुंचकर वहा उपस्थित भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किया, इस दौरान उन्होंने, धर्म आध्यात्मिक संस्कार संस्कृति को बढ़ाने के लिए भक्तों को संदेश दिया।
श्री रामेश्वर दयाल महाराज छोटे सरकार जी ने श्री बड़े सरकार जी के महासमाधी लेने के बाद उनकी गद्दी संभाली| श्री बड़े सरकार जी के महासमाधी लेने के पूर्व श्री छोटे सरकार जी ने लाखों भक्तों की ज़िम्मेदारी अपने पे ले ली| देखते ही देखते भक्तों की गिनती एवं श्री छोटे सरकार जी मे अटूट विश्वास बड़ता गया| दुनिया भर से लोग उनका आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं| भक्तों के साथ मिलकर श्री छोटे सरकार जी ने कई शहरों में पत्थर के मंदिर से दादा दरबार का निर्माण किया, जैसे,अमेरिका, इंदौर, दिल्ली,बड़वाह,साईखेड़ा, जबलपुर, जलगाँव, रेसरी (अलीगर), आगरा| और मिंदिरों का निर्माण चल रहा है|
श्री छोटे सरकार जी महाराज ने दुनिया भर में यात्रा करते हैं| छोटे छोटे गाओं से लेकर विदेश तक जा कर श्री छोटे सरकार जी अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और वेद पाठ की स्तुति करते हैं| वे लोगों को भक्ति के मार्ग पर चलाते हैं| उनका खास मक्सद है दादाजी महाराज की ‘पूजा’ व ‘अर्चना’ करना, और यही वे अपने भक्तों को भी सिखाते हैं| हर भक्त की अपनी एक कहानी है की कैसे श्री छोटे सरकार जी की शरण मे आने के बाद उनके जीवन मे परिवर्तन आए|
पंडित लखनलाल गंगराड़े ने बताया, श्री छोटे सरकार जी पूजा,पाठ,भजन,हवन इत्यादि के ज़रिए लाखों लोगों को धर्म के मार्ग पर चलाते हैं|भक्तों के लिए तो वे ही उनके माता,पिता,बंधु एवम् सखा हैं| एक ऐसे गुरु जिनका हृदय अपने भक्तों के लिए प्रेम, ममता एवम् करुणा से भरा है. सन 1965 मे इंदौर दरबार मे श्री बड़े सरकार जी महाराज ने एक 3 साल के बालक को अपनी गोद मे लिया और उन्हे शिक्षा एवं ज्ञान दिया| श्री बड़े सरकार जी ने उस बालक (रामेश्वर दयाल जी) को ‘छोटे सरकार’ नाम दिया| आज वे समय-समय पर हम भक्तों के बीच पहुंच है,दादाजी की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं
सन 1966 मे श्री बड़े सरकार जी श्री छोटे सरकार जी को लेकर दिल्ली गये और वहाँ के भक्तों को कहा की ‘छोटे सरकार’ उनके वही गुरु हैं जिन्हे सब भक्तों ने 4 साल पहले खो दिया था (राम दास जी महाराज)|
गुरु राम दास जी महाराज अपने भक्तों से कहा करते थे की हम जब दोबारा जन्म लेकर आएँगे तो ऐसे भागेंगे की कोई हमे पकड़ नही पाएगा| वे ये भी कहा करते थे की अगले जन्म मे वे बालक रूप में खूब चमत्कार दिखाएँगे| वहीं ‘श्री छोटे सरकार जी’ बचपन से ही बहुत फुर्तीले थे| उन्होने बाल रूप मे बहुत से अतभुत चमत्कार दिखाए और कई भक्तों को तो ‘गुरु महाराज राम दास जी ‘ के रूप में दर्शन भी दिए|
इन सब चीज़ों को देख कर और श्री बड़े सरकार जी महाराज की कही को मान कर लोगों को विश्वास हो गया की ‘श्री छोटे सरकार जी’ और कोई नहीं बल्कि उनके प्रीय गुरु महाराज हैं ।
जिन्होने लोगों का कल्याण करने के लिए फिर से जन्म लिया है|श्री बड़े सरकार जी की ही तरह श्री छोटे सरकार जी की कही बात भी सच होती है| श्री छोटे सरकार जी ने श्री बड़े सरकार जी की खूब सेवा की और फरवरी 1989 में श्री बड़े सरकार जी महाराज के महासमाधी लेने के पासचात् इंदौर दरबार में उनकी समाधी बनाई और समाधी के आस पास पत्थर के मंदिर का निर्माण किया| जहां वर्ष में कई आयोजन किए जाते हैं
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