Happy Holi : 25 मार्च को मनाया जायेगा रंगो का त्यौहार होली.. जानिए क्या है होलिका दहन का मुहुर्त और पूजन विधि
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 धर्म। हमारे देश में विभिन्न धर्म,पंथ और संस्कृति धार्मिक रीति रिवाजो को श्रद्धा से मनाया जाता हैं विशेष कर हिंदूओ के त्यौहार होली दीवाली को सभी लोग मनाते हैं दीवाली पर जिस पटाखों की धूम होती है तो होली के दिन रंगो की बौछार होती है। रंगो से भरा त्यौहार हम सबको के दिलों के दुख परेशानी दूर कर सब ओर आनंद की बौछार करने वाला त्यौहार हैं। इस त्यौहार पर बच्चे बूढे़ जवान सब में उमंग छा जाती है। किशोर और युवा वर्ग तो खासे उत्साहित नजर आते हैं। गलियां हमें रंग से सराबोर नजर आती है। रंगो का यह त्यौहार इस वर्ष 25 मार्च मनाया जायेगा। इससे एक दिन पूर्व रात्रि में होलिका दहन की जायेगी। हर साल होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। वही होलिका दहन का शुभमुहुर्त भी होता है।
होलिका दहन का शुभमुहुर्त
होलिका दहन के लिए एक माह पूर्व से तैयारियां की जाती है जो कि नगर के मुख्या चैक चैराहे पर या मोहल्लों में खाली स्थानों पर होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के दौरान भी पूजन किया जाता हैं जिसमें घर परिवार की सुख समृद्धि संतान रक्षा आदि की कामना की जाती है।24 मार्च 2024 को इस बार होलिका दहन हैं। इस दिन सुबह 9 बजकर 47 मिनिट दिन से भद्रकाल लग रहा है। जो रात्रि 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इसलिए रात में 10.50 के बाद ही होलिका दहन किया जाना चाहिए।
होलिका दहन की पूजा विधि
होली में अग्नि प्रज्वलित करने से पहले होलिका का पूजन करने का विधान है। इसके निमित्त पूजा करने वाले को उत्तर या पूर्व दिशा की मुख कर बैठे।पूजन के लिए फूल,कच्चा सूत,मिठाई गुड़, अबीर गुलाल,हल्दी चावल, बताशे आदि के साथ एक लोटा जल भी साथ रखें। होलिका के चारों ओर परिक्रमा करनी होती है।होलिका दहन के अगले दिन होली की भस्म लाकर चांदी की डिबिया में रखना चाहिए। होली के अगले दिन धुलेंडी का पर्व मातंग योग में मनाया जाएगा।स्थिर योग में आने के कारण होली को शुभ पर्व माना गया है।